ETrendingIndia छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ खनिज विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। खनिज राजस्व का बड़ा हिस्सा सामाजिक विकास और बुनियादी ढांचे में निवेश किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिला खनिज संस्थान न्यास को 1,673 करोड़ रुपये की निधि मिली, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और पेयजल जैसे 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। यह पहल खनन प्रभावित क्षेत्रों में जीवन स्तर को बेहतर कर रही है, जिससे राज्य सतत विकास की दिशा में अग्रसर हो रहा है।

इसके अलावा, छत्तीसगढ़ खनिज विकास के तहत खनिज अन्वेषण का दायरा बढ़ाया जा रहा है। चूना पत्थर, लौह अयस्क और बॉक्साइट सहित 13 परियोजनाओं में काम शुरू हुआ है, जिसमें चूना पत्थर के 283 मिलियन टन और लौह अयस्क के 67 मिलियन टन भंडार का अनुमान है। स्वर्ण, ग्रेफाइट और यूरेनियम जैसे खनिजों की खोज भी चल रही है। सूरजपुर में यूरेनियम ब्लॉक और बलरामपुर में मैंगनीज भंडार की पहचान इस दिशा में बड़े कदम हैं। राज्य सरकार गौण खनिजों के लिए राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना पर भी काम कर रही है।

साथ ही, खनिज राजस्व से होने वाली आय को समाज के हित में उपयोग करने के लिए पट्टेधारियों को ‘स्टार रेटिंग’ से प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह पारदर्शी नीति खनन क्षेत्र को मजबूत कर रही है। छत्तीसगढ़ में कोयला, स्वर्ण और प्लेटिनम जैसे 28 खनिजों की प्रचुरता इसे देश का अग्रणी खनन केंद्र बनाती है।

अंत में, छत्तीसगढ़ खनिज विकास न केवल आर्थिक मजबूती ला रहा है, बल्कि हरित विकास को भी बढ़ावा दे रहा है। मुख्यमंत्री साय की रणनीतियों से राज्य भारत के माइनिंग हब के रूप में अपनी पहचान सशक्त कर रहा है, जो आने वाले वर्षों में और प्रभावी होगी।