ETrendingIndia रायपुर / छत्तीसगढ़ सरकार का सामाजिक सशक्तिकरण मॉडल अब राष्ट्रीय मंच पर भी अपनी पहचान बना रहा है। देहरादून में आयोजित दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर 2025’ में समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने छत्तीसगढ़ के इस मॉडल को प्रस्तुत किया। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रही विभिन्न योजनाओं और नवाचारों की विस्तृत जानकारी दी, जो वंचित वर्गों, दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, उभयलिंगी समुदाय और महिलाओं के समग्र पुनर्वास व आर्थिक सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही हैं।

राज्य में कृत्रिम अंग, मोटराइज्ड ट्रायसायकल, छात्रवृत्तियाँ और विवाह प्रोत्साहन योजनाओं के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को पुनः प्रारंभ किया गया है, जिसके तहत हजारों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त, छत्तीसगढ़ सामाजिक सशक्तिकरण मॉडल में नशामुक्ति पर भी विशेष जोर दिया गया है। राज्य में 33 नशामुक्ति केंद्र संचालित हैं और हजारों लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।

उभयलिंगी समुदाय के लिए गरिमा गृह जैसी योजनाएं छत्तीसगढ़ को सामाजिक न्याय के क्षेत्र में अग्रणी बना रही हैं। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने केंद्र सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगें भी रखीं, जैसे दिव्यांग पेंशन में BPL बाध्यता हटाना और रायपुर में 100 बिस्तरों वाला नशामुक्ति केंद्र स्थापित करना।

यह छत्तीसगढ़ सामाजिक सशक्तिकरण मॉडल न केवल राज्य के भीतर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक आदर्श बनता जा रहा है, जो समावेशी विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम है।