ETrendingIndia Raipur/ छत्तीसगढ़ में 27 मार्च 2025 को एक नया इतिहास लिखा गया जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर रेलवे स्टेशन से छत्तीसगढ़ तीर्थ दर्शन योजना 2025 का शुभारंभ किया। इस योजना का मुख्य आकर्षण—बुजुर्गों के लिए मुफ्त यात्रा—तब साकार हुआ जब पहली विशेष ट्रेन में रायपुर और बलौदाबाजार-भाटापारा के 780 बुजुर्ग श्रद्धालु तिरुपति, मदुरै और रामेश्वरम के लिए रवाना हुए। वर्षों से संजोई तीर्थ यात्रा की चाहत अब पूरी हो रही है। वेब डेटा के अनुसार, यह योजना पिछले पांच साल के ठहराव के बाद फिर शुरू हुई है, और X पर लोग इसे लेकर उत्साहित हैं।
इस बीच, छत्तीसगढ़ तीर्थ दर्शन योजना 2025 केवल यात्रा नहीं, बल्कि सम्मान का प्रतीक है। सीएम साय ने श्रद्धालुओं से आत्मीय बातचीत में कहा, “आपके चेहरों की खुशी मेरा संतोष है।” उन्होंने बताया कि ₹15 करोड़ के बजट से यह योजना रामेश्वरम के राम सेतु से लेकर तिरुपति के बालाजी तक मुफ्त यात्रा सुनिश्चित करेगी। साथ ही, विधवा और परित्यक्त महिलाओं को भी शामिल किया गया है। समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने इसे “सनातन संस्कृति का प्रतीक” बताया, जिसमें उज्जैन, पुरी जैसे 19 तीर्थ स्थल जोड़े गए हैं।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है। 2012 में डॉ. रमन सिंह ने इसकी शुरुआत की थी, जब तक 2019 तक 2.46 लाख लोगों ने लाभ लिया। फिर यह रुकी, लेकिन अब बुजुर्गों के लिए मुफ्त यात्रा फिर शुरू हो गई है। रामलला दर्शन योजना से 22,000 लोग अयोध्या जा चुके हैं। यह ट्रेन सिर्फ यात्रा नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ में आस्था और परंपरा का नया संगम लेकर आई है।