चीन ट्रंप टैरिफ विवाद
HAMBURG, GERMANY - JULY 7: (RUSSIA OUT) U.S. President Donald Trump (R) looks on Chinese President Xi Jinping during the plenary session at the G20 Summit on July 7, 2017 in Hamburg, Germany. (Photo by Mikhail Svetlov/Getty Images)

रायपुर / ETrendingIndia / चीन ट्रंप टैरिफ विवाद , चीन ने दी टैरिफ युद्ध की चेतावनी

चीन ट्रंप टैरिफ विवाद , मंगलवार को चीन ने अमेरिका को सख्त चेतावनी दी कि अगर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले महीने से चाइनीज़ वस्तुओं पर टैरिफ फिर से लागू किए, तो वह कड़ी जवाबी कार्रवाई करेगा।
सप्लाई चेन से चीन को बाहर करने वाले देशों पर भी चीन ने तीखा संदेश भेजा है।


जून में बनी थी अस्थायी सहमति, अब फिर तनाव

वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच जून 2025 में एक व्यापारिक समझौते की अस्थायी रूपरेखा तय हुई थी।
लेकिन अब राष्ट्रपति ट्रंप ने 1 अगस्त से टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी है, जिससे यह अस्थिर सहमति फिर से खतरे में है।

चीन के पास 12 अगस्त तक का समय है ट्रंप प्रशासन के साथ समझौते पर पहुँचने का, नहीं तो अप्रैल-मई में लागू की गई सख्त शर्तें फिर से बहाल हो सकती हैं।


सरकारी अख़बार ‘पीपुल्स डेली’ ने जताई नाराज़गी

चीन के सरकारी अखबार पीपुल्स डेली ने ‘Zhong Sheng’ नाम से लिखे एक लेख में ट्रंप की नीति को “दबाव की राजनीति” और “धमकी” बताया।
लेख में कहा गया:

“केवल संवाद और सहयोग ही सही रास्ता है। टैरिफ के ज़रिए दबाव बनाना अब पुरानी बात हो गई है।”

इसके साथ ही, लेख में यह भी जोड़ा गया कि “चीन अपने वैध अधिकारों की रक्षा के लिए कड़े सिद्धांतों पर अडिग रहेगा।”


अन्य देशों को भी चेताया

चीन ने वियतनाम जैसे देशों को भी चेतावनी दी जो अमेरिका से टैरिफ में छूट के बदले चीन को सप्लाई चेन से बाहर कर रहे हैं

हाल ही में वियतनाम को ट्रांज़िटेड सामानों पर टैरिफ में छूट मिली है — 46% से घटाकर 20%। लेकिन इस छूट के बदले चीन को दरकिनार किया गया।
चीन ने स्पष्ट कहा:

“अगर कोई देश हमारे हितों की कीमत पर अमेरिका से टैरिफ छूट लेता है, तो चीन चुप नहीं बैठेगा।”


निष्कर्षतः

चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध एक बार फिर तीखा हो सकता है।
जहाँ ट्रंप अपने ‘अंतिम अल्टीमेटम’ की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं चीन ने सप्लाई चेन रणनीति के खिलाफ वैश्विक प्रतिक्रिया की धमकी दे दी है।
अब देखना है कि क्या यह तनाव नई ट्रेड वॉर की ओर बढ़ेगा या डिप्लोमेसी फिर एक मौका पाएगी