रायपुर 8 अक्तूबर 2025 / ETrendingIndia / Collectors-Commissioners Conference: Maintaining law and order is the primary responsibility of the Collectors – Chief Minister / कलेक्टर्स कानून-व्यवस्था जिम्मेदारी , कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कलेक्टर्स जिले के प्रशासनिक मुखिया होने के साथ-साथ जिला दण्डाधिकारी भी हैं, इसीलिए जिले में कानून व्यवस्था की बहाली सुनिश्चित करने की पहली जिम्मेदारी भी उन्हीं की है।
उन्होंने कहा कि कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षक अपने-अपने जिलों में खुद का प्रभावी सूचना तंत्र विकसित करें, ताकि किसी भी घटना या दुर्घटना की सूचना तत्काल प्राप्त हो और समय पर नियंत्रण किया जा सके। किसी घटना या दुर्घटना की सूचना मिलते ही वे तत्काल मौके पर पहुंचे।
कलेक्टर एवं एसपी दोनों में उच्च कोटि का तालमेल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के दृष्टिगत ऐसी संवेदनशील बस्तियां जहां सड़कें सकरी हैं, तथा फोर्स मूवमेंट में समस्या आती है, सभी कलेक्टर्स ऐसे स्पॉट्स/जगहों को चिन्हित कर वहां का जोनल प्लान स्थानीय नगरीय निकायों के सहयोग से अगले तीन माह में तैयार कर लें, ताकि आवागमन सुगम हो और आवश्यकता पड़ने पर फोर्स मूवमेंट में समस्या न आए।
उन्होंने मार्च 2026 तक मध्यप्रदेश को पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त करने के लिए ठोस रणनीति बनाने के लिए कहा. उन्होंने सेंसिटिव पुलिसिंग पर जोर देते हुए कहा कि जनता में पुलिस के प्रति विश्वास भाव होना चाहिए। पुलिस अपनी साख बनाएं और अपराधों को रोकने में तत्परतापूर्वक कार्यवाही करें।
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि मध्यप्रदेश को मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त करने के दृष्टिगत 6 माहों में बालाघाट, मण्डला और डिण्डोरी जिलों के कलेक्टर्स और एसपी लक्ष्य केंद्रित कर यह काम पूरा करें। नक्सली या तो सरेंडर करें अन्यथा उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा। उन्होंने
बताया कि बालाघाट जिले में नक्सली गतिविधियों में बेहद कमी आने के कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बालाघाट को अति नक्सलवाद प्रभावित जिले की श्रेणी से डाउनग्रेड कर सामान्य श्रेणी में कर दिया है। उन्होंने इस उपलब्धि पर कलेक्टर-एसपी बालाघाट दोनों को बधाई दी।
उन्होंने बताया गया कि कलेक्टर बालाघाट द्वारा नक्सल प्रभावित ग्रामों में विशेष प्रयास करके 200 से अधिक युवाओं को एलएनटी जैसी कंपनी में रोजगार दिलाया है। इससे वह दिशाभ्रमित होने से बच गए और समाज की मुख्यधारा से जुड़ गए हैं। इस साल ही हमने आठ मुठभेड़ में दस नक्सली मार गिराए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों को बाहर करने के लिए पुलिस एवं अन्य एजेंसियां संयुक्त रूप से कार्य करें, इस काम में और सख्ती लाएं। उन्होंने बताया कि अब तक 19 बांग्लादेशियों को चिन्हित कर वापस भेजा गया है।
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्कूल एवं कॉलेज के आसपास आपराधिक तत्वों पर लगाम कसने के लिए सूचना तंत्र विकसित करें, निगरानी तंत्र को और तेज करें और ऐसे चिन्हित स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएं। स्कूल-कॉलेजों के आसपास असामाजिक तत्वों पर नियंत्रण के लिए पुलिस के साथ अन्य विभागों को भी जोड़ा जाए।
जिन जिलों में शासकीय अमले पर हमले होने की अधिक घटनाएं होती हैं, वहां कलेक्टर-एसपी अन्य विभागों के साथ बेहतर तालमेल और समन्वय कर कार्यवाही करें, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। ऐसी घटनाओं से सख्ती से निपटें। घटना की वजह पता कर उसका समुचित समाधान भी करें।
जिलों में खाद-बीज के वितरण की व्यवस्था में भी पुलिस एवं जिला प्रशासन सामंजस्य से काम करें। किसानों को किसी तरह की समस्या नहीं आनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ड्रग्स के अवैध कारोबार एवं नशे पर अंकुश लगाने के लिए पड़ौसी राज्यों के साथ समन्वय करते हुए हर स्तर पर नशे को प्रतिबंधित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि शासन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रदेश के मैदानी अधिकारी अपनी मेहनत, निष्ठा और प्रतिबद्धता से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि सभी कलेक्टर व एसपी स्पॉट जीआईएस मैपिंग कर विस्तृत कार्ययोजना बनाएं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति की संभावना ही न रहे।
डीजीपी श्री कैलाश मकवाणा ने बताया कि पुलिस में तकनीकी सुधार हेतु eHRMS प्रणाली मिशन मोड में लागू की जा रही है। श्री मकवाणा ने बताया कि सिंहस्थ 2028 की तैयारियाँ प्रगति पर हैं। SCFL लैब और “सिंहस्थ साइबर वारियर योजना” के माध्यम से युवाओं को साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
