रायपुर 12 दिसम्बर 2025/ ETrendingIndia / To promote transparent and efficient use of coal: “Coal Setu” window approved / कोलसेतु विंडो मंजूरी , केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने कोयले के पारदर्शी और बेहतर उपयोग को बढ़ावा देने के लिए “कोलसेतु” नाम की नई विंडो को मंजूरी दे दी है।
यह विंडो किसी भी उद्योग या निर्यात के लिए कोयला उपलब्ध कराने की नई व्यवस्था होगी। इस कदम का उद्देश्य कोयले की आसान पहुँच, संसाधनों का सही उपयोग और कोयला क्षेत्र में चल रहे सुधारों को और आगे बढ़ाना है।
नई नीति के तहत, अब 2016 की एनआरएस (नॉन-रेगुलेटेड सेक्टर) लिंकेज नीति में “कोलसेतु” जोड़ दिया गया है। इसके जरिए कोयले की दीर्घकालिक आपूर्ति नीलामी के आधार पर किसी भी घरेलू खरीदार को मिलेगी। इस विंडो में कोकिंग कोल शामिल नहीं होगा।
अभी तक एनआरएस की नीलामी नीति के तहत कोयला केवल कुछ तय क्षेत्रों—जैसे सीमेंट, स्टील, स्पंज आयरन, एल्युमीनियम और इनके कैप्टिव पावर प्लांट्स—के लिए ही दिया जाता था। लेकिन बदलती जरूरतों और देश में “ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस” बढ़ाने के लिए इस व्यवस्था को और लचीला बनाने की आवश्यकता थी।
नई व्यवस्था में अब कोयला किसी भी औद्योगिक उपयोग या निर्यात के लिए उपलब्ध रहेगा। हालांकि ट्रेडर्स इसमें हिस्सा नहीं ले सकेंगे। कोयला लिंकेज पाने वाले उपभोक्ता इस कोयले का उपयोग अपनी जरूरतों के अनुसार कर सकेंगे और इसकी 50% मात्रा तक निर्यात भी कर सकेंगे।
देश में धुले हुए (वॉशड) कोयले की मांग को देखते हुए वॉशरी संचालकों को भी लिंकेज मिलेगा, जिससे आयात घटेगा और निर्यात के अवसर बढ़ेंगे।
निर्धारित क्षेत्रों के लिए पुरानी नीलामी व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। यह नई विंडो कोयला क्षेत्र में पारदर्शिता, उपलब्धता और बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
