रायपुर / ETrendingIndia / डेनमार्क में ड्रोन घुसपैठ
डेनमार्क ने गुरुवार को बताया कि उसके हवाई क्षेत्र में कई ड्रोन घुसे। इन ड्रोन गतिविधियों के कारण बिलुंड और आल्बोर्ग हवाईअड्डों को बंद करना पड़ा। अधिकारियों ने कहा कि यह एक सुनियोजित डेनमार्क ड्रोन हमला हवाईअड्डा था, जिसका उद्देश्य डर फैलाना था।
🔹 कई जगहों पर दिखे ड्रोन
पुलिस के अनुसार, बिलुंड हवाईअड्डा एक घंटे और आल्बोर्ग हवाईअड्डा तीन घंटे तक बंद रहा। इसके अलावा, एसबजर्ग, सोनडरबोर्ग और स्क्रिडस्ट्रुप एयरबेस के पास भी ड्रोन दिखाई दिए। स्क्रिडस्ट्रुप एयरबेस डेनमार्क के F-16 और F-35 लड़ाकू विमानों का केंद्र है।
🔹 सरकार ने जताई चिंता
रक्षा मंत्री ट्रोल्स लुंड पौल्सन ने कहा, “यह कोई संयोग नहीं लगता, बल्कि एक व्यवस्थित हाइब्रिड अटैक है।” हालांकि, उन्होंने साफ किया कि डेनमार्क पर सीधा सैन्य खतरा नहीं है। प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने हाल ही में कोपेनहेगन एयरपोर्ट की घटना को भी गंभीर हमला बताया था और रूस पर संदेह जताया था।
🔹 रूस पर उठे सवाल
यूरोप में लगातार बढ़ रही ड्रोन घटनाओं को लेकर रूस पर उंगलियाँ उठ रही हैं। हालांकि, डेनमार्क में रूस के राजदूत व्लादिमीर बारबिन ने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। इससे पहले पोलैंड ने संदिग्ध रूसी ड्रोन को मार गिराया था और नाटो अनुच्छेद 4 का हवाला देकर सुरक्षा चर्चा शुरू की थी।
🔹 डेनमार्क की नई रक्षा नीति
यह घटनाएँ ऐसे समय पर सामने आई हैं जब डेनमार्क ने लंबी दूरी के हथियार खरीदने और रक्षा खर्च बढ़ाने की घोषणा की है। विशेषज्ञ मानते हैं कि डेनमार्क ड्रोन हमला हवाईअड्डा जैसी घटनाएँ यूरोप की हवाई सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो रही हैं।