रायपुर / ETrendingIndia / भारत के डिजिटल लेनदेन छह वर्षों में ₹12,000 लाख करोड़ के 65,000 करोड़ डिजिटल लेनदेन: सरकार
डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ी उपलब्धि
भारत ने वित्तीय वर्ष 2020 से 2025 के बीच 65,000 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन दर्ज किए हैं। इनका कुल मूल्य ₹12,000 लाख करोड़ से अधिक रहा है।
यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में लिखित उत्तर में दी।
छोटे शहरों और दूरदराज़ क्षेत्रों पर ज़ोर
सरकार, आरबीआई, एनपीसीआई, फिनटेक कंपनियों और बैंकों के साथ मिलकर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रही है।
विशेष रूप से टियर-2 और टियर-3 शहरों में इसकी पहुंच को बढ़ाया गया है।
2021 में शुरू की गई Payments Infrastructure Development Fund (PIDF) योजना के तहत जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्वी राज्यों और टियर-3 से टियर-6 शहरों में डिजिटल टचपॉइंट्स लगाए गए हैं।
31 मई 2025 तक 4.77 करोड़ से अधिक टचपॉइंट्स स्थापित किए जा चुके हैं।
RBI-DPI से ट्रैक हो रही प्रगति
डिजिटल भुगतान में वृद्धि को मापने के लिए RBI ने डिजिटल पेमेंट्स इंडेक्स (RBI-DPI) विकसित किया है।
सितंबर 2024 तक यह इंडेक्स 465.33 पर पहुंच गया है, जो डिजिटल अवसंरचना और अपनाने में वृद्धि को दर्शाता है।
छोटे व्यापारियों और MSMEs को भी लाभ
प्लेटफॉर्म जैसे कि UPI ने छोटे विक्रेताओं और ग्रामीण उपयोगकर्ताओं को डिजिटल भुगतान स्वीकार करने में सक्षम बनाया है।
इससे कैश पर निर्भरता घटी है और औपचारिक वित्तीय तंत्र में भागीदारी बढ़ी है।
इसके अलावा, सरकार और RBI ने TReDS, MDR में छूट, और BHIM-UPI पर इंसेंटिव स्कीम्स जैसी योजनाएं भी शुरू की हैं।
डिजिटल इंडिया की दिशा में ठोस प्रगति
भारत के डिजिटल लेनदेन की निरंतर वृद्धि वित्तीय समावेशन में बड़ी भूमिका निभा रही है।
अब ग्रामीण क्षेत्र, छोटे व्यापारी और आम नागरिक भी औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन रहे हैं।