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रायपुर 22 अगस्त 2025 / ETrendingIndia / Ethanol blending will increase farmers’ income and boost the rural economy, target of 10 percent ethanol blending in petrol achieved / इथेनॉल मिश्रण से किसानों की आय , भारत सरकार कई उद्देश्यों के साथ इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के अंतर्गत पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण को बढ़ावा दे रही है।

इथेनॉल मिश्रण से किसानों की आय , ईबीपी कार्यक्रम के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) ने जून 2022 में पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है।

एक हरित ईंधन ( green energy ) के रूप में, यह पर्यावरणीय बचाने के प्रयासों को सपोर्ट करता है साथ ही विदेशी मुद्रा की बचत करते हुए कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करता है और domestic कृषि को बढ़ावा देता है।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में एक तारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

देश में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने का कार्य राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति के माध्यम से किया जा रहा है।

ईबीपी कार्यक्रम के परिणामस्वरूप इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2014-15 से जुलाई 2025 तक किसानों को 1,25,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान हुआ है।

1,44,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत

इसके साथ ही 1,44,000 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है. लगभग 736 लाख मीट्रिक टन शुद्ध CO2 उत्सर्जन में कमी आई है और 244 लाख मीट्रिक टन से अधिक कच्चे तेल को substitute किया गया ।

देश भर में इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इसमें इथेनॉल उत्पादन के लिए फीडस्टॉक का विस्तार, इथेनॉल खरीद के लिए मूल्य तंत्र, ईबीपी कार्यक्रम में उपयोग किए जाने वाले इथेनॉल के लिए जीएसटी दर को घटाकर 5 प्रतिशत करना और सहकारी चीनी मिलों के लिए एक समर्पित सबवेंशन योजना शामिल है.

गन्ना-आधारित डिस्टिलरी इथेनॉल उत्पादन के लिए बहु-फीडस्टॉक संयंत्रों में परिवर्तित

जिससे वर्त्तमान गन्ना-आधारित डिस्टिलरी को गुड़ के साथ-साथ अनाज से इथेनॉल उत्पादन के लिए बहु-फीडस्टॉक संयंत्रों में परिवर्तित किया जा सके।

सरकार ने 2019 में ‘प्रधानमंत्री जी-वन (जैव ईंधन-वातावरण अनुकूल फसल अपशिष्ट निवारण) योजना’ शुरू की है।

इस योजना का उद्देश्य लिग्नोसेल्यूलोसिक बायोमास और फसल wastage सहित अन्य फीडस्टॉक्स का उपयोग करके देश में उन्नत जैव ईंधन परियोजनाएं स्थापित करना है।

यह किसानों को उनके बेकार कृषि wastage के लिए अन्य आय भी प्रदान करता है, ग्रामीण और शहरी रोजगार के अवसर पैदा करता है, बायोमास जलने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को दूर करता है .