रायपुर/ ETrendingIndia / वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) देशों के बीच कृषि इनोवेशन, सहयोग और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए आज नई दिल्ली में एक नई पहल की शुरुआत हुई।
इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) और रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज़ (RIS) के संयुक्त प्रयास से ICRISAT सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर साउथ-साउथ कोऑपरेशन इन एग्रीकल्चर (ISSCA) की औपचारिक शुरुआत की गई।
इस अवसर पर भारत सरकार की पहल DAKSHIN और ICRISAT के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) भी हस्ताक्षरित हुआ, जो क्षमता निर्माण और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूती देने पर केंद्रित है।
ISSCA का उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच कृषि ज्ञान, प्रौद्योगिकी और नीति मॉडल का आदान-प्रदान करना है।
यह डिजिटल पोर्टल के माध्यम से मान्य और पप्रैक्टिकल कृषि इनोवेशन को साझा करेगा, विशेष रूप से शुष्क भूमि और विकासशील क्षेत्रों में उपयुक्त, कम लागत वाले, जलवायु-अनुकूल सॉल्यूशन को बढ़ावा देगा।