ग्रीन एनर्जी सुपरकैपेसिटर
ग्रीन एनर्जी सुपरकैपेसिटर

रायपुर / ETrendingIndia / ग्रीन एनर्जी सुपरकैपेसिटर , 🧪 भारत में वैज्ञानिकों की बड़ी सफलता

ग्रीन एनर्जी सुपरकैपेसिटर के क्षेत्र में भारत ने एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल की है। बेंगलुरु स्थित सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज (CeNS) और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक नया ऊर्जा भंडारण मटेरियल विकसित किया है।


नई तकनीक से बढ़ी ऊर्जा क्षमता

इस नवाचार में वैज्ञानिकों ने सिल्वर नायोबेट (AgNbO₃) में दुर्लभ पृथ्वी तत्व लैंथेनम मिलाया। इससे इलेक्ट्रॉनिक प्रवाह बेहतर हुआ और नैनो-पार्टिकल्स का आकार छोटा हुआ, जिससे सतह क्षेत्र में वृद्धि परिणामस्वरूप, ग्रीन एनर्जी सुपरकैपेसिटर की एनर्जी डेंसिटी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई।


🔋 चार्जिंग में 100% दक्षता

इस मटेरियल से बने सुपरकैपेसिटर ने 100% कुलॉम्बिक एफिशिएंसी दिखाई, यानी चार्जिंग के दौरान कोई ऊर्जा नुकसान नहीं हुआ।

साथ ही, 118% ऊर्जा रिटेंशन दर दर्शाती है कि बार-बार उपयोग के बावजूद इसकी क्षमता स्थिर बनी रहती है।


📺 प्रोटोटाइप से चला LCD डिस्प्ले

वैज्ञानिकों ने इस मटेरियल से एक प्रोटोटाइप असमेट्रिक सुपरकैपेसिटर तैयार किया, जिसने एक LCD डिस्प्ले को सफलतापूर्वक पॉवर दिया।

यह प्रयोग साबित करता है कि इसका उपयोग पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक्स, रिन्यूएबल एनर्जी सिस्टम्स और स्मार्ट डिवाइसेज़ में हो सकता है।


📚 जर्नल में हुआ प्रकाशन

यह अध्ययन Journal of Alloys and Compounds में प्रकाशित हुआ है। इससे यह मटेरियल ग्रीन एनर्जी सुपरकैपेसिटर के लिए सबसे प्रभावशाली और पर्यावरण अनुकूल विकल्प बनकर उभरा है।

अब वैज्ञानिक अन्य मटेरियल्स में भी इस तरह की डोपिंग तकनीक का परीक्षण करने की योजना बना रहे हैं।


🌱 निष्कर्षतः

इस तकनीकी सफलता ने भारत को स्वच्छ ऊर्जा समाधानों में वैश्विक मंच पर मजबूती दी है।

यह नवाचार न केवल ऊर्जा भंडारण को सस्ता और सुरक्षित बनाएगा, बल्कि वैश्विक जलवायु लक्ष्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।