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रायपुर / ETrendingIndia / जीएसटी सुधार और महंगाई , जीएसटी सुधार से मिलेगी राहत

जीएसटी सुधार और महंगाई , एचएसबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि हालिया जीएसटी दर कटौती महंगाई को नियंत्रित करने में मदद करेगी। यदि कंपनियाँ इस लाभ को पूरी तरह उपभोक्ताओं तक पहुँचाती हैं, तो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) महंगाई 1 प्रतिशत अंक तक घट सकती है।

रेपो रेट में और कमी की संभावना

रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई घटने पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस साल की चौथी तिमाही में रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट और घटाकर 5.25% तक ला सकता है। हालांकि, यदि दर कटौती का लाभ आंशिक रूप से ही पास-थ्रू होता है, तो महंगाई में कमी 0.5 प्रतिशत अंक के आसपास ही रहेगी।

उपभोक्ताओं और उत्पादन क्षेत्र को राहत

दर कटौती का असर उपभोक्ता और उत्पादन दोनों पर दिखेगा। टूथपेस्ट, शैम्पू, छोटी कारें, एयर कंडीशनर और दवाइयाँ सस्ती होंगी। वहीं कृषि उपकरण, श्रम-प्रधान उद्योग जैसे चमड़ा और संगमरमर, निर्माण में सीमेंट, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण और मेडिकल डिवाइस पर टैक्स बोझ कम होगा। जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियाँ भी जीएसटी से मुक्त कर दी गई हैं।

जीडीपी पर सकारात्मक असर

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के राजस्व नुकसान के बावजूद उपभोक्ताओं को बड़ा फायदा होगा। खपत बढ़ने से जीडीपी में 0.2 प्रतिशत अंक की वृद्धि संभव है। हालांकि, इसके लिए ज़रूरी है कि सरकार राजकोषीय नीति को सख्त न करे।

व्यापक संदर्भ में जीएसटी सुधार

एचएसबीसी ने कहा कि जीएसटी कटौती को व्यापक आर्थिक सुधारों का हिस्सा समझना चाहिए। आयकर कटौती और कम ब्याज दरों के साथ मिलकर इससे खपत में 0.6% जीडीपी तक का इज़ाफा हो सकता है। साथ ही, वस्त्र और उर्वरक क्षेत्र में उल्टे कर ढांचे को सुधारा गया है। आसान पंजीकरण, प्री-फिल्ड रिटर्न और त्वरित रिफंड से कारोबार करना और सरल होगा।