रायपुर / ETrendingIndia / इंडोनेशिया फेरी डूबने की घटना , एजेंसी के अनुसार, “KMP Tunu Pratama Jaya” नामक यह फेरी रवाना होने के लगभग आधे घंटे बाद डूब गई। फेरी में 53 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे। इसके साथ ही 22 वाहन भी थे।
इस फेरी डूबने की घटना के बाद बचाव अभियान तेजी से शुरू किया गया। लेकिन, तेज हवाओं और समुद्री धाराओं ने राहत कार्य को प्रभावित किया। इसके बावजूद, राष्ट्रीय खोज और बचाव एजेंसी ने हेलीकॉप्टर और 13 अंडरवॉटर रेस्क्यू टीमों को तैनात किया है।
राष्ट्रीय एजेंसी बसरनास द्वारा जारी एक वीडियो में दिखाया गया कि मछली पकड़ने वाली नाव से एक शव को किनारे लाया गया। यह दृश्य शांत समुद्र के बीच रिकॉर्ड किया गया था। यह संकेत देता है कि कुछ शव अब समुद्र सतह पर आ सकते हैं।
हालांकि यात्रियों की राष्ट्रीयता पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन मेट्रोटीवी द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार फेरी में कोई विदेशी यात्री नहीं था। यह राहत की बात है, मगर स्थानीय लोगों के लिए यह गहरा आघात है।
इंडोनेशिया फेरी डूबने की घटना कोई नई बात नहीं है। यह देश 17,000 से अधिक द्वीपों वाला एक विशाल द्वीपसमूह है, जहां फेरी एक सामान्य परिवहन माध्यम है। लेकिन सुरक्षा मानकों की कमी और क्षमता से अधिक भार के कारण अक्सर ऐसे हादसे होते हैं। उदाहरण स्वरूप, 2023 में सुलावेसी द्वीप के पास एक छोटी फेरी पलटने से 15 लोगों की जान गई थी।
इस प्रकार, बाली के पास हुआ यह हादसा इंडोनेशिया फेरी डूबने की घटना की एक और गंभीर कड़ी बन गया है। बचाव कार्य जारी है, लेकिन मौसम बाधा बना हुआ है। यह ज़रूरी है कि सरकार सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करे ताकि भविष्य में ऐसे हादसे रोके जा सकें।