ETrendingIndia रायपुर/ करीब पांच वर्षों की प्रतीक्षा के बाद नाथुला दर्रे के माध्यम से 11 जून और लिपुलेख दर्रे के माध्यम से 30 जून से कैलाश- मानसरोवर यात्रा एक बार फिर से शुरू होने जा रही है । कैलाश मानसरोवर यात्रा एक पवित्र तीर्थयात्रा है जो कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की परिक्रमा करती है।

कैलाश मानसरोवर की इस साल की यात्रा 2019 के मुकाबले ज्यादा खर्चीली रहेगी, क्योंकि चीन ने अपनी जमीन पर कैलाश यात्रा का शुल्क बढ़ा दिया है। इस बार चीन प्रति यात्री 17 से 20 हजार रुपए तक ज्यादा शुल्क ले रहा है।

दो रास्तों से होती हैं कैलाश यात्रा

भारत में दो रास्तों से कैलाश यात्रा होती है। पहला उत्तराखंड का लिपुलेख मार्ग और दूसरा- सिक्किम का नाथूला पास। चीन बॉर्डर तक पहली बार दोनों ही रास्तों से यात्रा गाड़ियों से होगी। लिपुलेख के रास्ते यात्रा पर प्रति व्यक्ति 1.84 लाख रु. खर्च होंगे। लेकिन, इनमें से 1100 डॉलर यानी करीब 95 हजार रुपए चीन की फीस रहेगी। नाथुला पास से चीन प्रति यात्री 2400 डॉलरं (2.05 लाख रु.) लेगा। जबकि कुल यात्रा खर्च 2.84 लाख है। दोनों रूट पर 200 से 300 डॉलर तक शुल्क बढ़ा है।

दिल्ली में बीतेंगे 3 दिन, यात्रा में लगेंगे 25 दिन…

पहले लिपुलेख मार्ग से कैलाश यात्रा में आने-जाने में 20-21 दिन लगते थे, लेकिन अब 23 दिन लगेंगे। इसकी वजह है, यात्रियों का दिल्ली में 12 दिन बीतना। सिर्फ नौ दिन तिब्बत में बीतेंगे।पहले दिल्ली में एक दिन में दस्तावेजों की जांच हो जाती थी। पिथौरागढ़ पहुंचने के बाद धारचूला, पांगू, गुंजी में स्वास्थ्य जांच होती थी। लेकिन, इस बार विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में तीन दिन स्वास्थ्य, दस्तावेजों की जांच के लिए रखे हैं। फिर गुंजी में स्वास्थ्य जांच होगी।

दिल्ली से नाथूला और कैलाश होकर फिर दिल्ली आने में 25 दिन लगेंगे। पहले 23 दिन लगते थे। इस बार यात्री 10 दिन तिब्बत तो 15 दिन भारत में बिताएंगे। नाथूला से कैलाश पर्वत 210 किमी तो लिपुलेख दरें से 96 किमी दूर है।

मानसरोवर झील में नहीं डाल सकेंगे पूजन सामग्री…

चीन ने सख्त गाइडलाइन बनाई है। यात्री मानसरोवर झील में पूजन सामग्री नहीं डाल सकेंगे। इन्हें दिल्ली में कचरा निस्तारण की ट्रेनिंग दी जाएगी।

इस वर्ष लिपुलेख के रास्ते 5 जत्थों में करीब 250 तो नाथूला से 10 जत्थों में करीब 500 यात्री जाएंगे।

यह यात्रा भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के तत्वावधान में और चीनी सरकार के सहयोग से संचालित होती है।कुमाऊँ मंडल विकास निगम (KMVN) कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए जरूरी व्यवस्थाएं जैसे कि आवास, परिवहन, और भोजन की व्यवस्था करता है। यह यात्रा के दौरान यात्रियों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करता है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के लिए सबसे अच्छा समय मई से सितंबर तक होता है।

यात्रा के लिए आवश्यक दस्तावेज:

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के लिए यात्रियों को कुछ आवश्यक दस्तावेज जैसे कि पासपोर्ट, वीजा, और मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है।