कृषि निर्यात ₹20 लाख करोड़
कृषि निर्यात ₹20 लाख करोड़

रायपुर / ETrendingIndia / India’s agricultural exports can be increased from ₹4.5 lakh crore to ₹20 lakh crore by focusing on processing and branding / केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में आईसीसी : कृषि विक्रम विषयगत चर्चा में संबोधन के दौरान कहा कि भारत का कृषि और मत्स्य निर्यात ₹4.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। देश में कृषि निर्यात ₹20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की क्षमता है, बशर्ते देश अपने खाद्य प्रसंस्करण को सुदृढ़ करे और ब्रांडिंग तथा पैकेजिंग की गुणवत्ता में सुधार करे।

श्री गोयल ने कहा कि भारत ने कृषि निर्यात को नए उत्पादों जैसे लीची, अनानास, लौकी और जामुन से विस्तार मिला है।

जामुन हाल ही में यूके, और लीची पंजाब से दोहा और दुबई तक निर्यात की गई है।

भारत का निर्यात वैश्विक बाजार जैसे यूएई, सऊदी अरब और गल्फ राष्ट्रों तक तेजी से फैल रहा है।

कृषि में, बीज से लेकर उर्वरक, इनसेक्टिसाइड, कीटनाशक और पानी के पंप जैसे उपकरणों की एक फ्लेक्सिबल सप्लाई चेन की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि बूंद के माध्यम से सिंचाई करना भारत की कृषि के लिए एक किस्मत बदलने वाली स्थिति हो सकती है।

जल संचयन के तरीकों जैसे बूंद के माध्यम से सिंचाई को एक जन आंदोलन के तौर पर बढ़ाया जाना होगा।

ग्राम स्तर पर छोटे जलाशयों और बूंद के माध्यम से सिंचाई को बड़े स्तर पर अपनाकर, भारतीय कृषि अनुमान के ज्यादा करीब और जलवायु परिवर्तन के प्रति कम असुरक्षित होगी।

उन्होंने पुराने हो चुके पंपों को छोटे और कम ऊर्जा वाले मॉडलों से बदलने के फायदों को रेखांकित किया।

नए स्मार्ट पंप को मोबाइल फोन के जरिए किसी दूसरी जगह से भी नियंत्रित किया जा सकात है, पानी के इस्तेमाल की जानकारी भी इनसे मिलती है और ये सिंचाई को नियमित करने में किसानों की मदद करते है।

बिजली का कम इस्तेमाल करके और पानी की खपत को सुधारकर, ये तकनीकें किसानों को सीधे लाभ पहुंचाती हैं और लंबे समय के लिए उत्पादकता बढ़ाती हैं।

उन्होंने हाल ही में हल्दी बोर्ड के गठन को मसाला निर्यात को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक कदम बताया।

हाल के वर्षों में कॉफी का निर्यात दोगुना हो गया है, और मसाला निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है।

सरकार ने सब्सिडी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी करके उर्वरक की बढ़ती कीमतों को भी रोका है।

पारदर्शी तरीके से मूल्य तय करने की सुविधा के लिए 1,400 मंडियों को सुदृढ़ करके ई-नाम प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया है।

किसानों को मशीनीकरण तक पहुंच के लिए किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से सहायता दी जा रही है, और ₹1 लाख करोड़ का कृषि अवसंरचना कोष कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में मदद कर रहा है।

ड्रोन दीदी के अंतर्गत 1.5 लाख महिलाओं को उर्वरक छिड़काव के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया गया है।

सरकार अंतर-फसल, बागवानी और फूलों की खेती को प्रोत्साहन दे रही है और कृषि उद्यमियों को अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखने और उन नवाचारों को भारतीय खेतों में लाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।