रायपुर 15 सितंबर 2025 / ETrendingIndia / Question mark on the pension determination process of retired professors in Agricultural University, pension is not being given/ कृषि विश्वविद्यालय पेंशन निर्धारण प्रक्रिया , इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में अप्रैल 2024 के बाद सेवानिवृत्त हुए प्राध्यापकों और वैज्ञानिकों की पेंशन निर्धारण प्रक्रिया में देरी को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल के सदस्य ने कुलपति को पत्र लिखकर इस विषय में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि वर्ष 2012 से अप्रैल 2024 तक सेवानिवृत्त हुए प्राध्यापकों और वैज्ञानिकों की पेंशन प्रक्रिया सामान्य रूप से पूरी की गई, लेकिन अप्रैल 2024 के बाद सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों के मामलों में लेखा नियंत्रक एवं संयुक्त संचालक ऑडिट द्वारा अनावश्यक आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं।
सेवानिवृत्ति अधिवार्षिक आयु 62 से 65 वर्ष किए जाने का प्रावधान विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत सही है और पहले भी इसका लाभ दिया जाता रहा है। इसके बावजूद ऑडिट विभाग इस पर आपत्ति जता रहा है।
साथ ही, वर्ष 1986 के बाद पं जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय से नियुक्त और बाद में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में समायोजित प्राध्यापकों के पीएचडी संबंधी मामलों में भी अनावश्यक सवाल उठाए जा रहे हैं, जबकि उस समय पीएचडी की अनिवार्यता नहीं थी।
इसके अलावा, 1989 में भर्ती हुए सहायक प्राध्यापकों की सेवा शर्तों में प्रतियोगिता परीक्षा पास करने का प्रावधान था, जिसे पूर्व बोर्ड ने निरस्त कर दिया था। बावजूद इसके, ऑडिट विभाग इस आधार पर भी आपत्ति जता रहा है और पेंशन निर्धारण रोक रहा है।
पेंशनर संघ ,इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अध्यक्ष डॉक्टर एन के चौबे ने चर्चा में बताया कि इससे विश्वविद्यालय की गरिमा में काफी गिरावट आ रही है एवं पेंशन न पाने वाले प्रोफेसर, वैज्ञानिक एवं कृषि विस्तार अधिकारी काफी आर्थिक नुकसान एवं शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक प्रताड़ना से परेशान हो चुके हैं l जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं होने पर संघ आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएगा l
उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन के वित्त निर्देश 2007 और 2010 का उल्लेख किया है जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया कि जो व्यक्ति रिटायर हो रहा है उसका पेंशन निर्धारण की प्रक्रिया 24 माह पूर्व प्रारंभ कर दी जाए ताकि संबंधित व्यक्ति के पेंशन निर्धारण में देरी न हो, इसके संपूर्ण जिम्मेदारी विश्वविद्यालय स्तर में लेखा नियंत्रक की होती है परंतु लेखा नियंत्रक द्वारा ना ही समय पर यह कार्रवाई की बल्कि सेवानिवृत होने के 12 माह से अधिक हो गया है लोगों का पेंशन फिक्सेशन नहीं हो पाया है.
उन्होंने विशेष रूप से यह बात का उल्लेख भी किया है कि यदि 15 से 20 दिन पहले पेंशन पेमेंट ऑर्डर और ग्रेच्युटी का आर्डर नहीं बन पाता है तो सेवानिवृत होने वाले व्यक्ति का एंटीसिपेटरी पेंशन और ग्रेच्युटी का 90% का भुगतान अगले महीने से तत्काल प्रारंभ हो जाना चाहिए .
प्रबंध मंडल के सदस्य ने कुलपति से आग्रह किया है कि इस मुद्दे को आगामी बोर्ड बैठक में प्रमुखता से रखा जाए और पेंशन निर्धारण प्रक्रिया में आ रही बाधाओं को दूर कर शीघ्र निर्णय लिया जाए।