मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति
मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति
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रायपुर 8 सितंबर 2025 / ETrendingIndia / Madhya Pradesh: The first state in the country to formulate an electric vehicle policy, Electric Vehicle Promotion Board will also be formed / मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति , मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन के भविष्य का प्रतिनिधित्व करने के लिये तैयार हो रहा है।

इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।
देश के इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण लक्ष्यों को हासिल करना मध्यप्रदेश की प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने विश्व ईवी दिवस पर लोगों से कार्बन उत्सर्जन कम करने और स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करने का आग्रह किया है।

मध्यप्रदेश में जल्दी ही इलेक्ट्रिक वाहन संवर्धन बोर्ड का गठन किया जायेगा।

यह अंतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित करने और विभिन्न मुददों का समाधान निकालने के लिए जिम्मेदार होगा।

मध्यप्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग में आदर्श राज्य बनाने और इस क्षेत्र में उत्कृष्ट उदाहरण स्थापित करने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश की इलेक्ट्रिक वाहन नीति में रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में छूट के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन दिया जायेगा।

चार्जिंग और स्वैपिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर लगाने में तेजी लाने के प्रयासों को भी प्रोत्साहन दिया जायेगा।

ईवी संबंधित पाठयक्रम होंगे शुरू

प्रदेश में ईवी उदयोग के लिए आवश्यक कौशल के साथ कार्यबल तैयार करने के लिए नीति में इंजीनयिरिंग कालेजों और आईटीआई में ईवी और ईवी संबंधित पाठयक्रम भी शुरू किये जायेंगे।

इसके अलावा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन को ईवी मॉडल सिटी के रूप में स्थापित किया जायेगा।

मध्यप्रदेश का लक्ष्य है कि 2070 तक भारत को अपने शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करे और स्वयं को कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने वाले राज्यों में पहला स्थान हासिल करे।

प्रदेश में मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति-2025 का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

इसके अंतर्गत वर्ष 2030 तक प्रदेश में कुल पंजीकृत 02 पहिया, 03 पहिया, चार पहिया वाहन एवं बस के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकृत के लिए क्रमश: 40%, 80%, 15% एवं 40% का लक्ष्य रखा गया है।

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टे्शन जैसे:- स्माल, मीडियम और लार्ज चार्जिंग स्टेशन के लिए 10 लाख रूपये तक, अनुसंधान, नवाचार एवं कौशल विकास के लिए 2 करोड़ रूपये, बैटरी स्वैपिंग स्टेशन के लिये 5 लाख रूपये तक और 02 पहिया, 03 पहिया एवं कार के लिए रेट्रोफिटिंग अंतर्गत 25 हजार रूपये तक के वित्तीय प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग तथा मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थांन भोपाल द्वारा 9 सितंबर को विश्व ईवी दिवस पर ईवी कार्यशाला और इलेक्ट्रि‍क आटो एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है।

भारत में हाल ही में खोजे गए लिथियम के भंडार से आयात पर निर्भरता में कमी आने के साथ-साथ पूरे ईवी सप्लाई चैन को मजबूती मिलने की संभावना है। इसका सबसे बड़ा लाभ मध्यप्रदेश को होगा।

मध्यप्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण का केंद्र बनने की क्षमता और अधोसंरचनाएं मौजूद हैं। यहां बैटरी निर्माण सुविधाएं, असेंबली प्लांट और सप्लाई चैन नेटवर्क मौजूद हैं। भविष्य में मध्यप्रदेश ईवी मैन्यूफैक्चरिंग हब बनेगा।