रायपुर 8 दिसंबर 2025/ ETrendingIndia / Mentoring is as important as funding in scaling up startups: New ideas need to be directly connected to industry and markets / स्टार्टअप्स में मार्गदर्शन की भूमिका , केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने के लिए सिर्फ वित्तीय सहायता ही काफी नहीं है, बल्कि सही मार्गदर्शन भी आवश्यक है।
वे चेन्नई में आयोजित भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) में उद्यमियों और छात्रों से बात कर रहे थे। डॉ. सिंह ने कहा कि देश में अब अवसरों का तेजी से विस्तार हो रहा है और छोटे शहरों व सामान्य परिवारों से आने वाले युवा भी उद्यमिता की ओर बढ़ रहे हैं। सरकार अब नीतियों के साथ-साथ ऐसे प्लेटफॉर्म बनाने पर ध्यान दे रही है, जो नए विचारों को सीधे उद्योग और बाजार से जोड़ सकें।
उन्होंने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की पहल से बार्क, राष्ट्रीय मिशन और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से स्टार्टअप्स को फंडिंग, उद्योग से जुड़ने और अनुभवी मार्गदर्शकों का सहयोग मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि नवाचार की प्रक्रिया में असफलता स्वाभाविक है, इसलिए देश को रिस्क लेने की संस्कृति को अपनाना होगा ताकि भारतीय स्टार्टअप्स वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
डॉ. सिंह ने स्वास्थ्य, जैव प्रौद्योगिकी और डिजिटल तकनीक में भारत की प्रगति का उदाहरण देते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में अब भारत अपने समाधान खुद विकसित कर रहा है और दुनिया में योगदान बढ़ा रहा है।
छात्रों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि स्टार्टअप शुरू करने से पहले उद्देश्य और अपनी क्षमता को पहचानना जरूरी है। शुरुआत से ही सही मार्गदर्शन मिलने से युवा innovators आम गलतियों से बच सकते हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार स्कूल और कॉलेज स्तर पर, खासकर लड़कियों के लिए, ऐसे कार्यक्रमों का विस्तार कर रही है जिससे प्रतिभा को जल्दी पहचाना जा सके।
नियमों से जुड़ी चिंताओं पर उन्होंने कहा कि सरकार धीरे-धीरे अनावश्यक लाइसेंस खत्म कर रही है, नियम सरल बना रही है और कई प्रक्रियाओं को अपराधमुक्त कर रही है ताकि उद्यमी नवाचार पर ज्यादा ध्यान दे सकें।
स्टार्टअप्स में मार्गदर्शन की भूमिका , कार्यक्रम में कई स्टार्टअप संस्थापकों ने अपने अनुभव साझा किए, जिनमें स्वास्थ्य और जैव प्रौद्योगिकी से जुड़े समाधान भी शामिल थे जो जरूरतमंद लोगों तक पहुंच रहे हैं।
डॉ. सिंह ने सार्वजनिक-निजी साझेदारी को भारत की नवाचार रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि IISF जैसे मंच युवाओं में जिज्ञासा जगाने और उन्हें नए प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह भावना भारत को 2047 के नवाचार लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद करेगी।
