मानसून में मौसमी बीमारियां
मानसून में मौसमी बीमारियां

रायपुर / ETrendingIndia / Risk of seasonal diseases: Health department’s advisory for prevention/ मानसून में मौसमी बीमारियां , खूबसूरत मानसून की पहली बारिश जैसे ही धरती को भिगोती है, चारों ओर हरियाली और ठंडक का माहौल बन जाता है, लेकिन यह मौसम जहां सुकून देता है, वहीं कई संक्रामक और जलजनित बीमारियों को भी साथ लाता है।

मानसून में मौसमी बीमारियां , स्वास्थ्य विभाग ने मानसून के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की है, जिसमें नागरिकों से सतर्क रहने और जरूरी सावधानियां बरतने की अपील की गई है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के दौरान नमी और गंदगी के कारण बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी अधिक सक्रिय हो जाते हैं, जिससे मच्छरों और दूषित जल के माध्यम से बीमारियां तेजी से फैलती हैं।

इस मौसम में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, पीलिया, डायरिया, वायरल बुखार, उल्टी-दस्त जैसे रोग आम हो जाते हैं।

कमजोर इम्युनिटी वाले लोग, बच्चे और बुजुर्ग जल्दी इसकी चपेट में आते हैं।

बचाव ही सबसे बड़ा उपाय

स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी है कि लोग नियमित रूप से साबुन से हाथ धोएं, उबला या फिल्टर्ड पानी पिएं, बासी व अधिक तला-भुना भोजन न करें।

घर के आसपास पानी जमा न होने दें, ताकि मच्छर न पनपें। फुल आस्तीन के कपड़े पहनें, मच्छरदानी व रिपेलेंट का उपयोग करें। सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें और बच्चों-बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें।

बीमार पड़ने पर क्या करें?

हल्का और सुपाच्य भोजन लें, भरपूर आराम करें, ओआरएस, नींबू पानी, नारियल पानी जैसे तरल पदार्थ लें।

गंभीर लक्षण जैसे लगातार तेज बुखार, उल्टी-दस्त, डिहाइड्रेशन, मल में खून, पेट दर्द आदि होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।

मितानिनों के माध्यम से गांवों में ओआरएस और जरूरी दवाएं वितरित की जा रहे हैं।

अस्पतालों में “ओआरएस कॉर्नर” बनाए गए हैं, और बच्चों की निगरानी की जा रही है।

अपना और परिवार का आयुष्मान कार्ड बनाएं

सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपना और अपने परिवार के सभी सदस्यों का आयुष्मान कार्ड बना कर रखें,जिससे आपातकाल में नि:शुल्क इलाज मिल सके।