रायपुर / ETrendingIndia / पेट्रोलियम उद्योग के लिए बड़े बदलाव की शुरुआत
नए श्रम कानून पेट्रोलियम क्षेत्र के लिए सबसे व्यापक सुधार लाते हैं। इन कानूनों में वेज कोड, सोशल सिक्योरिटी कोड और इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड शामिल हैं। इसके साथ ही OSHWC कोड सुरक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाता है। मंत्रालय का कहना है कि यह बदलाव पुराने बिखरे कानूनों को हटाकर एकीकृत और तकनीक-आधारित सिस्टम स्थापित करता है।
पेट्रोलियम क्षेत्र को एकीकृत ढांचे की जरूरत क्यों थी?
पेट्रोलियम उद्योग LPG, LNG, बेंजीन वेपर्स और हाइड्रोजन सल्फाइड जैसे जोखिमभरे पदार्थों से जुड़ा है। इसलिए इस क्षेत्र में दुर्घटनाओं, रिसाव और एक्सपोज़र का खतरा हमेशा बना रहता है।
लेकिन पहले सुरक्षा नियम मुख्यतः फैक्ट्री एक्ट, 1948 पर आधारित थे। यह कानून रिफाइनरी, पाइपलाइन नेटवर्क या LNG टर्मिनल जैसी जटिल प्रणालियों के लिए पर्याप्त नहीं था। इसलिए निरीक्षण अलग-अलग मानकों के साथ होते थे और आपातकालीन तैयारियां भी असमान थीं।
इसके अलावा कंपनियों को कई मंजूरियों, बार-बार निरीक्षण और कागज़ी रिकार्ड से जूझना पड़ता था। परिणामस्वरूप सुरक्षा की निगरानी कमजोर और बिखरी हुई हो जाती थी।
OSHWC कोड 2020 से क्या बदलता है?
OSHWC कोड पेट्रोलियम उद्योग में सुरक्षा के लिए एक एकीकृत ढांचा बनाता है।
जोखिम-आधारित निरीक्षण
अब निरीक्षण तय तारीख़ों पर नहीं, बल्कि जोखिम के आधार पर होंगे।
कंपनियों को संचालन शुरू करने से पहले जोखिम मूल्यांकन करना होगा। राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप मंजूरी दी जाएगी।
स्वास्थ्य निगरानी में मजबूती
खतरनाक रसायनों से जुड़े कर्मचारियों के लिए मेडिकल जांच अनिवार्य होगी।
इसके अलावा प्री-एम्प्लॉयमेंट, समय-समय पर मेडिकल टेस्ट और एक्सपोज़र के बाद जांच भी जरूरी होगी।
गर्भवती महिलाओं और किशोरों को विशेष जोखिम वाले कार्यों से दूर रखा जाएगा।
प्रशिक्षण और दक्षता अनिवार्य
पेट्रोलियम उपकरण संभालने से पहले प्रमाणित प्रशिक्षण अनिवार्य होगा।
साथ ही निरंतर-प्रक्रिया वाले संयंत्रों में आठ घंटे की अधिकतम शिफ्ट सीमा लागू होगी, जिससे थकान कम होगी।
पारदर्शी डिजिटल अनुपालन
पुराने निरीक्षक-आधारित मॉडल की जगह ‘फैसिलिटेटर’ मॉडल लाया गया है।
डिजिटल रिकार्ड, ऑनलाइन मंजूरियां और सिंगल-विंडो सिस्टम देरी को कम करेंगे।
सोशल सिक्योरिटी कोड के प्रमुख लाभ
सोशल सिक्योरिटी कोड पेट्रोलियम क्षेत्र के अधिक कर्मचारियों को ESIC कवरेज देता है।
इसके कारण मेडिकल सेवाएं, मातृत्व लाभ, विकलांगता सहायता और व्यावसायिक बीमारियों से संबंधित मुआवजा सुनिश्चित होगा।
डिजिटल सामाजिक सुरक्षा खाते नौकरी बदलने पर भी लाभों को पोर्टेबल बनाएंगे।
नए श्रम कानून क्यों महत्वपूर्ण हैं?
नए श्रम कानून पेट्रोलियम क्षेत्र को अनुमानित और सुरक्षित वातावरण प्रदान करते हैं।
इसके अलावा जोखिम-आधारित निरीक्षण, मजबूत स्वास्थ्य निगरानी और डिजिटल अनुपालन से दुर्घटनाएं कम हो सकती हैं।
क्योंकि पेट्रोलियम उद्योग में हर दिन रासायनिक जोखिम मौजूद रहते हैं, इसलिए यह परिवर्तन समय की जरूरत था।
सुधार से क्या हासिल होगा?
अंत में नया ढांचा पुरानी बिखरी व्यवस्थाओं को हटाकर एक मजबूत सुरक्षा तंत्र बनाता है।
यह खतरनाक पदार्थों की निगरानी को बेहतर करेगा, मंजूरियों में देरी कम करेगा और भारत के पेट्रोलियम क्षेत्र को वैश्विक मानकों के करीब लाएगा।
कुल मिलाकर नए श्रम कानून पेट्रोलियम उद्योग के लिए सुरक्षा, पारदर्शिता और कार्यस्थल स्थिरता को मजबूत करेंगे।
