रायपुर / ETrendingIndia / NISAR उपग्रह लॉन्च , NISAR लॉन्च बना वैश्विक मानक
NISAR उपग्रह लॉन्च को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत-अमेरिका वैज्ञानिक सहयोग का प्रतीक बताते हुए “ग्लोबल बेंचमार्क” कहा। इस उपग्रह को बुधवार को श्रीहरिकोटा से GSLV-F16 रॉकेट के माध्यम से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।
विज्ञान में भारत का “वैश्विक हस्ताक्षर”
डॉ. सिंह ने कहा,
“NISAR सिर्फ एक उपग्रह नहीं, बल्कि दुनिया से भारत का वैज्ञानिक हाथ मिलाना है।”
इस मिशन ने ISRO को उपयोगिता-आधारित अंतरिक्ष कार्यक्रमों से ज्ञान-आधारित वैश्विक पहलों की दिशा में आगे बढ़ाया है।
NISAR की तकनीकी विशेषताएं
यह 2,393 किलोग्राम वजनी उपग्रह दुनिया का पहला ऐसा मिशन है जिसमें L-बैंड (NASA) और S-बैंड (ISRO) वाले दोहरे सिंथेटिक अपर्चर रडार एक ही मंच पर लगे हैं। इससे उपग्रह 12 दिन के अंतराल पर दिन-रात, हर मौसम में पृथ्वी की सतह और हिमखंडों की हाई-रेजोल्यूशन इमेजिंग कर सकता है।
ISRO के लिए भी कई पहली उपलब्धियां
GSLV-F16 रॉकेट ने NISAR को 747 किमी ऊँचाई की सूर्य-समकालिक ध्रुवीय कक्षा (Sun-synchronous polar orbit) में सफलतापूर्वक स्थापित किया। यह इस रॉकेट की 18वीं उड़ान और 12वीं स्वदेशी क्रायोजेनिक स्टेज वाली उड़ान थी।
बहुआयामी उपयोगिता
NISAR के डेटा का इस्तेमाल आपदा प्रबंधन, हिमनद ट्रैकिंग, कृषि निगरानी, जलवायु अध्ययन सहित कई क्षेत्रों में होगा। साथ ही, यह विमानन सुरक्षा, समुद्री नौवहन, शहरी नियोजन और तटीय प्रबंधन में भी निर्णय प्रक्रिया को और अधिक सटीक बनाएगा।
डॉ. सिंह ने कहा,
“यह सैटेलाइट वैश्विक निर्णयों की रीढ़ साबित होगा—जैसे शिपिंग रूट्स, एयर ट्रैफिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर योजनाएं।”
ओपन-एक्सेस नीति से वैश्विक लाभ
NISAR का डेटा ओपन-एक्सेस होगा, जिससे वैज्ञानिक, शोधकर्ता और आपदा प्रबंधन एजेंसियां दुनियाभर में इस डेटा का लाभ ले सकेंगी।
संयुक्त योगदान और मिशन लागत
यह मिशन NASA और ISRO द्वारा संयुक्त रूप से $1.5 बिलियन की लागत से संचालित है। NASA ने L-बैंड रडार, GPS रिसीवर, 12-मीटर ऐन्टेना आदि प्रदान किए, जबकि ISRO ने S-बैंड रडार, लॉन्च व्हीकल, और स्पेसक्राफ्ट बस तैयार की।
मोदी सरकार की विजनरी भूमिका
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतिगत दूरदर्शिता को देते हुए कहा,
“चंद्रयान से NISAR तक, हम सिर्फ उपग्रह नहीं—बल्कि संभावनाओं को लॉन्च कर रहे हैं।”