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रायपुर / ETrendingIndia / अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ ‘नो किंग्स’ प्रदर्शन

अमेरिका के सभी 50 राज्यों में हजारों लोगों ने नो किंग्स विरोध प्रदर्शन अमेरिका अभियान के तहत सड़कों पर उतरकर ट्रंप प्रशासन की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। इस राष्ट्रीय आंदोलन का उद्देश्य सत्तावाद का विरोध करना और अमेरिकी लोकतंत्र की रक्षा करना था।

🔶 2,500 से अधिक कार्यक्रमों में जुटी भीड़

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूरे देश में लगभग 2,500 कार्यक्रम आयोजित किए गए। अटलांटा, लॉस एंजेलिस और न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में भारी भीड़ देखी गई। लोगों ने बैनर और पोस्टर लेकर सरकार की नीतियों का शांतिपूर्ण विरोध किया।

🔶 लोकतंत्र और अधिकारों की रक्षा की मांग

प्रदर्शनकारियों ने चिंता जताई कि सरकार की नीतियों से लोकतांत्रिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है। उन्होंने सख्त आप्रवासन नीतियों, शहरों में संघीय बलों की तैनाती और स्वास्थ्य जैसी सरकारी योजनाओं में कटौती का विरोध किया। इस दौरान नो किंग्स विरोध प्रदर्शन अमेरिका आंदोलन ने जन-समर्थन की नई लहर पैदा की।

🔶 राजनीतिक नेताओं का समर्थन और अपील

यह विरोध ऐसे समय में हुआ जब फंडिंग विवाद के कारण संघीय सरकार बंद है। डेमोक्रेटिक नेताओं ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का समर्थन किया। कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम ने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की, जबकि सीनेटर चक शूमर और बर्नी सैंडर्स ने रैलियों में शामिल होकर लोकतंत्र के समर्थन में लोगों की सराहना की।

🔶 निष्कर्ष: लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुटता

अंत में, यह स्पष्ट है कि ‘नो किंग्स’ आंदोलन अमेरिकी जनता के बीच लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों के लिए गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे, लेकिन उनका संदेश सशक्त और एकजुट था।