रायपुर / ETrendingIndia / Nvidia AI चिप्स चीन , Nvidia की AI चिप्स चीन को वापस मिलने की तैयारी
Nvidia ने अपनी H20 AI चिप्स की चीन में बिक्री फिर से शुरू करने की योजना बनाई है।
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लटनिक ने बताया कि यह कदम अमेरिका-चीन के बीच चल रही दुर्लभ धातुओं की बातचीत का हिस्सा है।
उन्होंने कहा, “हमने इसे ट्रेड डील में शामिल किया है,” और यह अमेरिका को चीन से फिर से रेयर अर्थ मैग्नेट्स की आपूर्ति के तहत तय किया गया है।
अमेरिका में उठे विरोध के स्वर
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण अप्रैल में इन चिप्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था।
इस निर्णय की डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सांसदों दोनों ने आलोचना की है।
प्रतिनिधि राजा कृष्णमूर्ति ने इसे “खतरनाक रूप से असंगत” बताया, जबकि जॉन मोलिनार ने वाणिज्य विभाग से स्पष्टीकरण मांगा है।
Nvidia और चीन के बीच गहराता व्यापार संबंध
Nvidia ने कहा कि वह अमेरिकी सरकार से लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू कर चुका है और जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
CEO जेनसन हुआंग, जो फिलहाल बीजिंग में हैं, उन्होंने कहा कि अगर Nvidia चीन में चिप्स नहीं बेच सका तो उसकी वैश्विक बढ़त कमजोर हो सकती है।
H20 चिप्स, हालांकि अपनी पूरी ताकत के साथ नहीं आतीं, लेकिन Nvidia के AI टूल्स के साथ संगत होती हैं।
यही उन्हें चीन में AI कंपनियों के लिए आकर्षक विकल्प बनाता है।
चीन के लिए क्यों जरूरी है यह सौदा
चीन का AI बाज़ार विशाल, सक्रिय और नवाचारपूर्ण है।
वर्ष 2023 में चीन से Nvidia को 17 अरब डॉलर की आय हुई, जो उसकी कुल बिक्री का 13% हिस्सा था।
चीन की प्रमुख कंपनियां जैसे Bytedance और Tencent भी इन चिप्स की खरीदारी के लिए आवेदन प्रक्रिया में हैं।
अमेरिका का रणनीतिक संतुलन और चेतावनियां
अमेरिकी सीनेटरों ने जेनसन हुआंग से अपील की है कि वे उन चीन की सैन्य या खुफिया एजेंसियों से दूरी बनाए रखें जो अमेरिका की प्रतिबंध सूची में हैं।
दूसरी ओर, AMD भी अपने AI चिप्स MI308 को चीन भेजने की तैयारी कर रहा है।
Commerce Department से उन्हें भी लाइसेंस की मंजूरी का इंतजार है।
निष्कर्षतः
Nvidia AI चिप्स चीन को फिर से बेचने की योजना अमेरिका-चीन व्यापार संतुलन और भविष्य के टेक्नोलॉजी वर्चस्व से जुड़ी है।
यह निर्णय जितना व्यापारिक, उतना ही रणनीतिक भी है।
अब देखना यह है कि अमेरिका चीन को AI तकनीक तक कितनी पहुंच देता है, और इसका वैश्विक असर कितना गहरा होता है।