न्यायालयों में ई-चालान मामले
न्यायालयों में ई-चालान मामले
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रायपुर 22 अगस्त 2025/ ETrendingIndia / pile of vehicle e-challan cases in the courts / न्यायालयों में ई-चालान मामले , यातायात प्रशासन द्वारा डिजिटल तकनीक का उपयोग को बढावा दिए जाने के बाद वाहनों के ई-चालान जारी होने के मामले काफी बढ़ गए हैं।

वर्ष 2019 से 2024 के बीच यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को 42 हजार 545 करोड़ रुपये के ई-चालान जारी किए हैं मगर उनमें 60 प्रतिशत से अधिक मामले न्यायालयों में लंबित हैं।

न्यायालय ऐसे मामलों की बढ़ते मामलों का निराकरण करने का जोर दे रहे हैं वहीं इसका असर वाहन संचालित करने वाले प्लेटफॉर्म, कैब एग्रीगेटर आदि के बिजनेस पर हो रहा है।

सरकार को 2019 से 2024 की अवधि में ई-चालान से केवल 17,431 करोड़ रुपये ही हासिल हो पाए हैं।

वर्ष-वार संग्रह राशि में गिरावट आई है। 2019 में निर्धारित जुमनि का 78 प्रतिशत से घट कर 2024 में केवल 27.5 प्रतिशत रह गई है।

पिछले छह वर्षों में चालान चौगुना हो गए हैं जो 2019 में 2.7 करोड़ से बढ़‌कर 2024 में 8 करोड़ हो गए।

इस अवधि में कुल 30 करोड़ चालान जारी हुए। मगर इन मामलों का निपटारा बहुत धीमी गति से हुआ।

2019 में 1.3 करोड़ मामले निपटाए गए जो 2024 में 2.6 करोड़ हो गए।

ई-चालान जारी होने की दर बढ़ने के साथ विचाराधीन चालान के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं।

2019 में विचाराधीन ऐसे 76 लाख मामले थे जो 2024 में बढ़कर 5.74 करोड़ हो गए। यानी यह लगभग साढ़े सात गुना की बढ़ोतरी है।

निपटाए गए मामलों की दरें 2019 में 63 प्रतिशत से घट कर 2024 में केवल 28 प्रतिशत रह गई।

ऐसे वाहन मालिकों को वाहन बेचते और खरीदते समय कठिनाई आती है और बिना NOC के वाहन का ट्रांसफर नहीं हो पाता है.