रायपुर / ETrendingIndia / पाकिस्तान फोन टैपिंग जासूसी , अमनेस्टी की बड़ी रिपोर्ट
अमनेस्टी इंटरनेशनल ने दावा किया है कि पाकिस्तान अपने नागरिकों की बड़े पैमाने पर निगरानी कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार फोन टैपिंग जासूसी और चीनी फ़ायरवॉल का इस्तेमाल कर रही है। यह सिस्टम सोशल मीडिया को सेंसर करता है और नागरिकों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखता है।
📌 फोन टैपिंग और फ़ायरवॉल सिस्टम
रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां एक समय में 40 लाख मोबाइल फोन की कॉल और मैसेज मॉनिटर कर सकती हैं। इसके साथ ही, WMS 2.0 नामक फ़ायरवॉल इंटरनेट ट्रैफिक की जांच कर 20 लाख से अधिक सेशंस को रोक सकता है। यह सिस्टम सोशल मीडिया और वेबसाइटों को धीमा करने या ब्लॉक करने में सक्षम है।
📌 राजनीतिक आज़ादी पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की फोन टैपिंग जासूसी से नागरिकों की स्वतंत्रता प्रभावित होती है। लोग अपने अधिकारों का प्रयोग करने से डरने लगते हैं। अमनेस्टी ने कहा कि यह निगरानी खासकर बलूचिस्तान और पश्तून इलाकों में अधिक सख्ती से लागू है, जहां इंटरनेट लंबे समय तक बंद रखा गया।
📌 विदेशी तकनीक का उपयोग
अमनेस्टी की जांच में सामने आया कि पाकिस्तान ने इस निगरानी नेटवर्क के लिए चीनी और पश्चिमी तकनीक का इस्तेमाल किया है। रिपोर्ट में जर्मनी, अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और चीन की कई कंपनियों का नाम जुड़ा बताया गया है। हालांकि, कई कंपनियों ने दावा किया कि उनका सिस्टम केवल कानून प्रवर्तन एजेंसियों को बेचा जाता है और दुरुपयोग रोकने के लिए नियम बनाए गए हैं।
📌 निष्कर्ष
अमनेस्टी की इस रिपोर्ट ने पाकिस्तान की निगरानी नीतियों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कुल मिलाकर, यह स्पष्ट है कि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निजता पर गहरा संकट मंडरा रहा है।