पशुधन उत्पादों का निर्यात
पशुधन उत्पादों का निर्यात

रायपुर/ ETrendingIndia / नई दिल्ली में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन एपीडा और पशुपालन व डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने संयुक्त रूप से “पशुधन एवं उनके मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्यात – भविष्य की संभावनाएं और आगे का रास्ता” विषय पर एक गोलमेज कार्यशाला का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम में नीति निर्माता, वैज्ञानिक, राज्य पशुपालन विभाग, एफएसएसएआई, आईवीआरआई के विशेषज्ञ, तथा प्रमुख निर्यातकों जैसे एलनसंस, एचएमए ग्रुप्स, अल दुआ, मरहबा फ्रोजन फूड आदि ने भाग लिया।

कार्यशाला की अध्यक्षता डीएएचडी की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने की। उन्होंने इस वर्ष पशुधन निर्यात में 20% वृद्धि का लक्ष्य रखते हुए, गुणवत्ता सुधार, रोग नियंत्रण, वैश्विक बाजारों तक बेहतर पहुंच और प्रसंस्करण संयंत्रों की “स्टार रेटिंग” प्रणाली लागू करने का सुझाव दिया।

डीएएचडी की अपर सचिव वर्षा जोशी ने बताया कि 9 राज्यों को एफएमडी मुक्त क्षेत्र के रूप में नामित करने की प्रक्रिया चल रही है, जिससे भारत का निर्यात इकोसिस्टम और मज़बूत होगा।

एपीडा अध्यक्ष अभिषेक देव ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में भारत का पशुधन निर्यात 12.56% की वृद्धि के साथ 5114.19 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया। उन्होंने गुणवत्तायुक्त, ट्रेसबिल और सुरक्षित उत्पादों की वैश्विक मांग पर ज़ोर देते हुए निर्यातकों को नए नवाचारों और बाजारों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया।