ETrendingIndia रायपुर / गरियाबंद जिले के मड़ेली गांव में एक ऐतिहासिक क्षण सामने आया जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पीपरछेड़ी सिंचाई परियोजना की स्वीकृति की घोषणा की। यह परियोजना, जो 1977 में शुरू हुई थी, लंबे समय तक अधूरी रही क्योंकि 1980 में वन अधिनियम के लागू होने के बाद इसे पर्यावरणीय मंजूरी नहीं मिल सकी। इससे क्षेत्र के किसानों की आशाएं लगभग समाप्त हो गई थीं।

हालांकि, मुख्यमंत्री श्री साय ने इस बहुप्रतीक्षित योजना को प्राथमिकता दी और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त की। सुशासन तिहार के अंतर्गत आयोजित समाधान शिविर में मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा की। इस समाचार से न केवल उपस्थित लोग, बल्कि पूरे क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई।

पीपरछेड़ी सिंचाई परियोजना की स्वीकृति से 10 से अधिक गांवों के लगभग 5,000 किसान सीधे लाभान्वित होंगे। इससे क्षेत्र में स्थायी सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे फसल उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि होगी। इसके साथ ही, यह निर्णय क्षेत्र के समग्र विकास को भी गति देगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि वर्षों के संघर्ष, धैर्य और उम्मीद की जीत है। यह सुशासन की सच्ची परिभाषा है—जब सरकार लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य करती है।