रायपुर 27 सितम्बर 2025 / ETrendingIndia / Prime Minister’s Mineral Area Welfare Scheme: New Guidelines Released / प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना , केन्द्र सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के अंतर्गत खनिज प्रभावित क्षेत्र के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए नई गाईडलाईन जारी किया गया है।
इस संबंध में अधिसूचना जारी कर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया गया है।
नई गाईडलाईन के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों के पहचान हेतु खनन क्षेत्र से प्रत्येक प्रभावित क्षेत्र हेतु 15 कि.मी. के दायरे में एवं अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र हेतु खदानों की 25 कि.मी. के दायरे को प्रावधान किया गया है।
प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों के खानों की सीमा 15 कि.मी. से अधिक नही बढ़ाया जाएगा।
इसी तरह अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में खानों की सीमा 25 कि.मी. से अधिक नही होना चाहिए। चाहे यह संबधित जिले या निकटवर्ती जिले के भीतर आता हो।
उल्लेखनीय है कि जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 के तहत प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रों का निर्धारण जिले के अंतर्गत कलेक्टर एवं जिला के बाहर राज्य शासन द्वारा किया जाना विनिर्दिष्ट किया गया था।
इसी तरह जिला खनिज संस्थान न्यास निधि के उपयोग के संबंध में नई गाईडलाईन के तहत जिला खनिज संस्थान न्यास निधि का न्यूनतम 70 प्रतिशत केवल प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र में व्यय किया जाएगा। पूर्व में इसके लिए केेवल 60 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया गया था।
इसके साथ ही नई गाईडलाईन के तहत अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के निधि के 30 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया गया है। पूर्व में इसके लिए केवल 40 प्रतिशत प्रावधान किया गया था।
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के नई गाईडलाईन के अनुसार जिला खनिज संस्थान न्यास के शासी परिषद के अध्यक्ष जिला कलेक्टर के अलावा क्षेत्रीय सांसद, राज्यसभा सदस्य एवं विधायकगणों को शासी परिषद का सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। अब नई गाईडलाईन के अनुसार अब वर्ष में कम से कम दो बार जिला खनिज संस्थान न्यास की बैठक आयोजित किया जाना अनिवार्य है।