भारत-जापान आर्थिक मंच
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रायपुर / ETrendingIndia / 🌏 भारत की आर्थिक प्रगति पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो में आयोजित भारत-जापान आर्थिक मंच में कहा कि “भारत में पूंजी सिर्फ बढ़ती नहीं, बल्कि कई गुना बढ़ती है।” उन्होंने भारत को एक स्थिर, पारदर्शी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया, जो जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगी।

🤝 भारत-जापान साझेदारी की मजबूती

पीएम मोदी ने कहा कि 80 प्रतिशत जापानी कंपनियां भारत में विस्तार करना चाहती हैं और 75 प्रतिशत पहले से लाभ कमा रही हैं। उन्होंने दोनों देशों की साझेदारी को विश्वास और आपसी लाभ का प्रतीक बताया। अब तक जापानी कंपनियां भारत में 40 अरब डॉलर से अधिक निवेश कर चुकी हैं।

🛠️ सहयोग के पाँच मुख्य क्षेत्र

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने भारत-जापान सहयोग के लिए पाँच बिंदु प्रस्तुत किए—

  1. विनिर्माण और नए सेक्टर – ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स से आगे बढ़कर बैटरी, रोबोटिक्स, सेमीकंडक्टर्स और परमाणु ऊर्जा में सहयोग।
  2. प्रौद्योगिकी और नवाचार – जापान की तकनीकी क्षमता और भारत की प्रतिभा का उपयोग AI, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष क्षेत्र में।
  3. ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन – सौर ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और परमाणु शक्ति में साझेदारी।
  4. अगली पीढ़ी का इन्फ्रास्ट्रक्चर – मेट्रो और हाई-स्पीड रेल जैसे प्रोजेक्ट्स में सहयोग।
  5. स्किल डेवलपमेंट और सांस्कृतिक रिश्ते – भारतीय युवाओं को जापानी कार्यबल से जोड़ना।

🚄 भरोसे और विकास का संदेश

पीएम मोदी ने कहा कि “मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड” के साथ भारत-जापान मिलकर एशियाई सदी का निर्माण करेंगे। वहीं, जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने पीएम मोदी की यात्रा का स्वागत करते हुए दोनों देशों के रिश्तों को और गहरा करने की इच्छा जताई।

🔎 निष्कर्ष

कुल मिलाकर, भारत-जापान आर्थिक मंच पीएम मोदी के भाषण ने स्पष्ट किया कि भारत निवेश, प्रौद्योगिकी और ग्रीन एनर्जी सहयोग के जरिए वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।