Sri Sathya Sai Baba's birth centenary celebrations in Puttaparthi
Sri Sathya Sai Baba's birth centenary celebrations in Puttaparthi
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रायपुर 19 नवंबर 2025/ ETrendingIndia / PM attends Sri Sathya Sai Baba’s birth centenary celebrations in Puttaparthi, says service is the central value of Indian civilisation/ श्री सत्य साईं बाबा जन्म शताब्दी समारोह , प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में भगवान श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित कहा कि बाबा के चरणों में नमन करना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना हमेशा हृदय को गहरी भावनाओं से भर देता है।

श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी वर्ष को इस पीढ़ी के लिए केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक दिव्य आशीर्वाद बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि यद्यपि बाबा अब शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हैं, लेकिन उनकी शिक्षाएं, उनका प्रेम और उनकी सेवा की भावना दुनिया भर में करोड़ों लोगों का मार्गदर्शन कर रही है। 140 से अधिक देशों में अनगिनत लोग एक नई रोशनी, दिशा और संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि श्री सत्य साईं बाबा का जीवन ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के आदर्श का एक जीवंत रूप था, “इसलिए, यह जन्म शताब्दी वर्ष सार्वभौमिक प्रेम, शांति और सेवा का एक भव्य उत्सव बन गया है।”

यह सरकार का सौभाग्य है कि इस अवसर पर 100 रुपये का स्‍मृति सिक्का और डाक टिकट जारी किया गया है, जो बाबा की सेवा की विरासत को दर्शाते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारतीय सभ्यता का केंद्रीय मूल्य सेवा है।” भारत की सभी विविध आध्यात्मिक और दार्शनिक परंपराएं अंततः इसी एक आदर्श की ओर ले जाती हैं। चाहे कोई भक्ति, ज्ञान या कर्म के मार्ग पर चले, प्रत्‍येक ‘सेवा’ से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा, “‘सेवा परमो धर्मः’ वह लोकाचार है जिसने भारत को सदियों के बदलावों और चुनौतियों के बीच टिकाए रखा है और हमारी सभ्यता को उसकी आंतरिक शक्ति प्रदान की है, यह देखते हुए कि कई महान संतों और सुधारकों ने इस कालातीत संदेश को अपने समय के अनुरूप तरीकों से आगे बढ़ाया है।

उन्होंने बाबा के शब्दों, “सबसे प्रेम करो, सबकी सेवा करो” को याद किया और पुष्टि की कि बाबा के लिए, ‘सेवा’ कर्म में प्रेम था। प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, ग्रामीण विकास और कई अन्य क्षेत्रों में बाबा के संस्थान इस दर्शन के जीवंत प्रमाण के रूप में खड़े हैं।

श्री मोदी ने कहा कि किसी की शारीरिक उपस्थिति के दौरान लोगों को प्रेरित करना असामान्‍य नहीं है, लेकिन संस्थानों की ‘सेवा’ गतिविधियां उनकी शारीरिक अनुपस्थिति के बावजूद दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। यह दर्शाता है कि वास्‍तव में महान आत्माओं का प्रभाव समय के साथ कम नहीं होता – यह वास्‍तव में बढ़ता है।

श्री सत्य साईं बाबा का संदेश कभी भी पुस्तकों, प्रवचनों या किसी आश्रम की सीमाओं तक सीमित नहीं रहा । शहरों से लेकर दूरदराज के गांवों तक, स्कूलों से लेकर जनजातीय बस्तियों तक, पूरे भारत में संस्कृति, शिक्षा और चिकित्सा सेवा का एक उल्लेखनीय प्रवाह है।

श्री मोदी ने याद किया कि गुजरात भूकंप के बाद बाबा का सेवा दल राहत कार्यों में सबसे आगे खड़ा था। उनके अनुयायियों ने कई दिनों तक पूरे समर्पण के साथ सेवा की और प्रभावित परिवारों तक सहायता पहुंचाने, आवश्यक आपूर्ति प्रदान करने और मनो-सामाजिक समर्थन प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब एक मुलाकात किसी का दिल पिघला सकती है या उसके जीवन की दिशा बदल सकती है, तो यह उस व्यक्ति की महानता को दर्शाता है।