रायपुर / ETrendingaIndia / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल से तीन देशों — साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया — की रणनीतिक विदेश यात्रा पर रवाना होंगे। यह दौरा भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा है।
यह यात्रा भारत की वैश्विक रणनीतिक भागीदारी को मज़बूत करने का संकेत देती है।
दौरे की शुरुआत साइप्रस से होगी, जहां मोदी 15-16 जून तक आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे।
यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की दो दशकों में पहली साइप्रस यात्रा है।
इससे भारत और साइप्रस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
इस यात्रा के दौरान दोनों देश व्यापार, समुद्री सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में नए अवसरों पर चर्चा करेंगे।
साइप्रस ने हमेशा भारत के वैश्विक एजेंडे का समर्थन किया है, जैसे UNSC स्थायी सदस्यता, NSG सदस्यता और आतंकवाद पर भारत की स्थिति।
इसके बाद प्रधानमंत्री कनाडा जाएंगे, जहां वे G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
यह उनकी लगातार छठी G7 उपस्थिति होगी। इस बार की चर्चा ऊर्जा सुरक्षा, तकनीक, AI और क्वांटम इनोवेशन पर केंद्रित होगी।
साथ ही, कई द्विपक्षीय मुलाकातें भी होंगी।
कनाडा की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक रिश्तों को सुधारने की कोशिश की जा रही है।
प्रधानमंत्री मार्क कार्नी द्वारा भेजा गया निमंत्रण इस दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
अंतिम चरण में पीएम मोदी 18 जून को क्रोएशिया पहुंचेंगे।
यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली क्रोएशिया यात्रा होगी।
इससे यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंधों को बल मिलेगा।
साथ ही, IMEC कॉरिडोर में क्रोएशिया की भूमिका पर भी चर्चा हो सकती है।
क्रोएशिया में भारतीय संस्कृति की भी मजबूत उपस्थिति रही है।
ज़ाग्रेब विश्वविद्यालय में इंडोलॉजी का गहरा इतिहास है और ISKCON के माध्यम से सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत हुए हैं।
इस यात्रा से सांस्कृतिक सहयोग को भी नया आयाम मिलेगा।
कुल मिलाकर, मोदी की तीन देशों की यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति, रणनीति और संस्कृति को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
यह यात्रा भारत की बढ़ती वैश्विक मौजूदगी का प्रतीक है।