Pope Leo
VATICAN CITY, VATICAN - JUNE 24: (EDITOR NOTE: STRICTLY EDITORIAL USE ONLY - NO MERCHANDISING). Pope Leo XIV delivers his meditations to the seminarians during a celebration on the Jubilee of Seminarians in St. Peter's Basilica on June 24, 2025 in Vatican City, Vatican. Pope Leo XIV welcomed some 4000 seminarians and formators to the Vatican for their Jubilee, offering them a meditation on the Sacred Heart of Jesus and the priestly life. (Photo by Simone Risoluti - Vatican Media via Vatican Pool/Getty Images)
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रायपुर / ETrendingIndia / पोप लियो का स्पष्ट रुख

पोप लियो फिलिस्तीनी समाधान को दशकों पुराने इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष का एकमात्र मार्ग मानते हैं। रविवार को तुर्की से लेबनान जाते समय उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि वेटिकन लंबे समय से स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य का समर्थन करता है। हालांकि, उन्होंने माना कि इजराइल अभी भी इस समाधान को स्वीकार नहीं करता है।

दोनों पक्षों के लिए मध्यस्थता की कोशिश

इसके अलावा पोप लियो ने कहा कि वेटिकन इजराइल और फिलिस्तीन दोनों देशों का मित्र है। इसलिए वेटिकन शांति के लिए एक मध्यस्थ आवाज बनना चाहता है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य यह है कि दोनों पक्ष न्यायपूर्ण समाधान के करीब आएं। इसी कारण वे लगातार संवाद पर जोर दे रहे हैं।

अमेरिका और इजराइल की नीति पर संकेत

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में स्पष्ट किया कि वे फिलिस्तीनी राज्य के विचार के खिलाफ हैं। फिर भी अमेरिका ने स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य का समर्थन दिखाया है। इसी स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए पोप लियो ने कहा कि दुनिया को न्याय आधारित समाधान की जरूरत है।

तुर्की यात्रा में उठे कई मुद्दे

पोप लियो ने तुर्की यात्रा के दौरान तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगान से मुलाकात की। बातचीत में इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष और यूक्रेन-रूस युद्ध दोनों शामिल रहे। उन्होंने कहा कि तुर्की इन दोनों संघर्षों को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

धर्म के नाम पर हिंसा की आलोचना

उन्होंने चेतावनी दी कि दुनिया में बढ़ते संघर्ष मानवता के भविष्य के लिए खतरा हैं। इसलिए उन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि तुर्की धार्मिक सह-अस्तित्व का उदाहरण है, जहां विभिन्न समुदाय शांति से रहते हैं।

गाज़ा में सैन्य कार्रवाई पर आलोचना

इसी वर्ष पोप लियो ने गाज़ा में इजराइल की सैन्य कार्रवाई की आलोचना भी तेज की थी। हालांकि वे आमतौर पर कूटनीतिक भाषा का उपयोग करते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कठोर रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि दुनिया को ऐसी हिंसा रोकने के लिए एकजुट होना चाहिए।

लेबनान यात्रा और वापसी

पोप लियो सोमवार से लेबनान के दौरे पर हैं। वे मंगलवार तक वहां रहेंगे और उसके बाद रोम लौटेंगे। उनकी यह यात्रा पोप बनने के बाद पहली आधिकारिक विदेशी यात्रा है।