पूर्वोत्तर जलमार्ग परियोजना
पूर्वोत्तर जलमार्ग परियोजना

रायपुर / ETrendingIndia / Kaladan Multi-Modal Transit Transport Project will be fully operational by 2027 / पूर्वोत्तर जलमार्ग परियोजना , केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने कार्गो हैंडलिंग, क्षमता और तटीय शिपिंग में रिकॉर्ड वृद्धि की गई है।

पूर्वोत्तर जलमार्ग परियोजना , देश के समुद्री क्षेत्र के परिदृश्य को बदल दिया है। प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता लगभग दोगुनी हो गई है, महत्वाकांक्षी नए टर्मिनलों के साथ क्रूज पर्यटन बढ़ रहा है ।

भारत के बंदरगाह अब विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी हैं, जिनमें से नौ विश्व बैंक की सूची शीर्ष 100 में स्थान पर हैं और विशाखापत्तनम बंदरगाह शीर्ष 20वें स्थान पर पहुंच गया है।

सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले दशक में 50,000 युवाओं को समुद्री कौशल में प्रशिक्षित करना है।

गुवाहाटी में समुद्री कौशल विकास केंद्र (एमएसडीसी) और साथ ही डिब्रूगढ़ में आगामी उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) का उद्देश्य इस परिवर्तन को गति देना है।

मंत्रालय ने पिछले दो वर्षों में पूर्वोत्तर के अंतर्देशीय जलमार्ग क्षेत्र में 1,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की हैं, इनमें 300 करोड़ रुपये के कार्य पूरे हो चुके हैं और 2025 तक 700 करोड़ रुपये के कार्य पूरे होने का लक्ष्य है।

प्रमुख पहलों में पांडु, जोगीघोपा, धुबरी, बोगीबील, करीमगंज और बदरपुर में स्थायी कार्गो टर्मिनल, साल भर चलने वाली फेयरवे ड्रेजिंग, पांडु बंदरगाह के लिए एक नया संपर्क मार्ग, डिब्रूगढ़ में विरासत का जीर्णोद्धार, 299 करोड़ रुपये की लागत वाली पर्यटक जेटी, गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कौशल विकास केंद्र और बोगीबील, विश्वनाथ घाट, सिलघाट और पांडु में लाइटहाउस की योजनाएं शामिल हैं।

गुवाहाटी, तेजपुर और डिब्रूगढ़ में परिचालन के लिए उपयुक्त स्थितियां है, और केंद्रीय योजनाओं के तहत क्रूज जहाजों की खरीद की जा रही है।

मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा के लिए जल-आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास जारी हैं।