ETrending India / नई दिल्ली: डिजिटल इंडिया भाषािनी डिवीजन (DIBD) और सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (CRIS) ने बहुभाषी Ai समाधान विकसित करने और उन्हें रेलवे सेवाओं में लागू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
यह समझौता नई दिल्ली में भाषािनी के सीईओ अमिताभ नाग और CRIS के प्रबंध निदेशक जी.वी.एल. सत्य कुमार द्वारा किया गया।
इस साझेदारी का उद्देश्य रेलवे के प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे नेशनल ट्रेन इन्क्वायरी सिस्टम (NTES) और रेल मदद में भाषािनी की अत्याधुनिक भाषा तकनीकों को एकीकृत करना है।
इन तकनीकों में स्वचालित वाणी पहचान, पाठ-अनुवाद, पाठ से वाणी निर्माण और ऑप्टिकल कैरेक्टर रेकग्निशन शामिल हैं।
इससे नागरिकों को 22 भारतीय भाषाओं में महत्वपूर्ण रेलवे सेवाओं की सुविधा मिलेगी।
इसके अलावा, यह सहयोग बहुभाषी चैटबॉट और वॉइस असिस्टेंट विकसित करने पर भी केंद्रित रहेगा।
इसी तरह, रेलवे पूछताछ केंद्रों के लिए बहुभाषी इंटरफेस बनाए जाएंगे।
सेवाओं को वेबसाइट, मोबाइल ऐप, कियोस्क और कॉल सेंटर जैसे माध्यमों पर तैनात किया जाएगा।
इससे यात्री वास्तविक समय में अपनी भाषा में बात कर पाएंगे।
अंततः, आने वाले महीनों में संयुक्त तकनीकी कार्यशालाएं और पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किए जाएंगे।
रेलवे में बहुभाषी Ai के विस्तार को बल मिलेगा, जिससे यात्री अनुभव और अधिक सुलभ और समावेशी बनेगा।
रेलवे में बहुभाषी Ai