रायपुर / ETrendingIndia / भारतीय रेलवे में ट्रैक अपग्रेड की बड़ी उपलब्धि

भारतीय रेलवे ने बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार करते हुए एक बड़ा लक्ष्य हासिल किया है। अब 78% से अधिक रेलवे ट्रैक 110 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक की गति के लिए उपयुक्त हो चुके हैं। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में दी।

तकनीकी सुधारों से ट्रैक की क्षमता में वृद्धि

पिछले दशक में रेलवे ने कई तकनीकी सुधार किए हैं। उदाहरण के लिए, अब 60 किलोग्राम की रेल पट्टियाँ, चौड़े कंक्रीट स्लीपर, लंबे रेल पैनल, H-बीम स्लीपर और उन्नत ट्रैक रखरखाव तकनीकें अपनाई जा चुकी हैं। इसके परिणामस्वरूप रेलवे ट्रैक स्पीड अपग्रेड तेजी से हुआ है।

तुलना में हुआ बड़ा सुधार

जहां 2014 में केवल 39.6% ट्रैक ही 110 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक गति के अनुकूल थे, वहीं अब यह आंकड़ा 78.4% तक पहुंच चुका है। इनमें से 56.6% ट्रैक 110–130 किमी प्रति घंटे और 21.6% ट्रैक 130 किमी प्रति घंटे से अधिक गति के लिए उन्नत हैं। इसके विपरीत, अब केवल 21.6% ट्रैक ही 110 किमी प्रति घंटे से कम गति के योग्य हैं।

वंदे भारत ट्रेन और भविष्य की योजनाएं

मंत्री ने यह भी बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट का पहला प्रोटोटाइप अब फील्ड ट्रायल के बाद कमीशनिंग की ओर बढ़ रहा है। वंदे भारत ट्रेनें 180 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति और 160 किमी प्रति घंटे की संचालन क्षमता के लिए तैयार की गई हैं। इससे रेलवे ट्रैक स्पीड अपग्रेड का फायदा यात्री सेवाओं को मिलेगा।