संविधान हत्या दिवस 2025
संविधान हत्या दिवस 2025

रायपुर / ETrendingIndia / आज संविधान हत्या दिवस 2025 के रूप में मनाया जा रहा है। यह दिन 25 जून 1975 को भारत में लगे आपातकाल की भयावह घटनाओं की याद दिलाता है। साथ ही, यह उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है, जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा करते हुए कष्ट सहे।

आपातकाल की घोषणा तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत की थी। यह निर्णय आंतरिक अशांति के नाम पर लिया गया था। उस समय राजनीतिक असंतोष और न्यायिक चुनौतियों के कारण सरकार की वैधता सवालों के घेरे में थी।

इसके बाद, लोकतांत्रिक अधिकारों को व्यवस्थित रूप से निलंबित कर दिया गया। अनुच्छेद 19 के तहत प्राप्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सभा, आंदोलन और बोलने के अधिकार पर रोक लगा दी गई। नागरिकों को न्यायालय जाने का अधिकार भी छीन लिया गया।

मीडिया पर भी कड़ी सेंसरशिप लागू कर दी गई। यहां तक कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को भी समाप्त कर दिया गया। उस समय जेल भेजे गए वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने आकाशवाणी से बातचीत में बताया कि किस तरह लोकतंत्र समर्थकों पर अत्याचार किए गए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में आपातकाल को भारत के इतिहास का सबसे अंधकारमय काल बताया। उन्होंने कहा कि यह वह समय था जब लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश की गई और संविधान के मूल सिद्धांतों की अनदेखी की गई।

कुल मिलाकर, संविधान हत्या दिवस 2025 केवल इतिहास की पुनरावृत्ति नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए आत्मचिंतन का भी अवसर है। यह दिन हमें सचेत करता है कि संविधान और नागरिक अधिकारों की रक्षा हर परिस्थिति में ज़रूरी है।