रायपुर, 10 सितम्बर 2025/ ETrendingIndia / Factories are now running on the electricity of Suryaghar Yojana: Prime Minister’s dream scheme is becoming popular / सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना , प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आम जनता के बीच निरंतर लोकप्रिय हो रही है। इस योजना ने न केवल घरेलू उपभोक्ताओं को महंगे बिजली बिल से राहत दी है, बल्कि अब व्यावसायिक उपयोग के लिए भी लोग इसका लाभ उठाने लगे हैं।
बिलासपुर स्थित कोनी निवासी श्री ओम अग्रवाल ने योजना के तहत अपने दोनों घरों की छत पर सोलर पैनल स्थापित किए हैं।
पहले उन्होंने छह किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल घरेलू उपयोग के लिए लगवाया, जिसके लाभ को देखते हुए व्यावसायिक उपयोग हेतु अपने पुत्र मुरली अग्रवाल के नाम पर 10 किलोवाट का अतिरिक्त पैनल भी लगवाया।
सौर ऊर्जा से अब उनके घर और व्यवसाय दोनों का बिजली बिल न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि पूर्व में व्यवसाय में बिजली की अधिक खपत के कारण बिल काफी अधिक आता था, परंतु अब सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन होने पर यह समस्या समाप्त हो गई है।
उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना दीर्घकालिक दृष्टि से अत्यंत किफायती एवं उपयोगी है।
उनके पौत्र संस्कार अग्रवाल ने जानकारी दी कि दोनों सोलर पैनल स्थापित करने में लगभग नौ लाख रुपये की लागत आई, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 2 लाख 16 हजार रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई।
वर्तमान में दोनों घरों की छतों पर कुल 16 किलोवाट का सोलर पैनल संचालित हो रहा है, जिससे प्रतिमाह बिजली बिल में भारी कमी आई है।
इस योजना में एक बार का निवेश कर 25 वर्षों तक निरंतर बिजली आपूर्ति प्राप्त की जा सकती है।
कंपनी द्वारा नियमित मेंटेनेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को छतों पर रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
स्थापित प्लांट नेट मीटरिंग प्रणाली से ग्रिड से जुड़ता है, जिससे उपभोक्ता द्वारा खपत से अधिक उत्पादित बिजली ग्रिड में सप्लाई होकर न केवल बिजली बिल शून्य कर देती है, बल्कि अतिरिक्त आमदनी भी उपलब्ध कराती है।
केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
एक किलोवॉट क्षमता का प्लांट औसतन 120 यूनिट प्रतिमाह उत्पादन होता है। केन्द्र सरकार द्वारा इसके लिए 30 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 15 हजार रूपए इस प्रकार कुल 45 हजार रूपए की सब्सिडी दी जाती है।
दो किलोवॉट क्षमता का प्लांट लगाने पर औसतन 240 यूनिट प्रतिमाह विद्युत उत्पादन होता है। इस पर कुल 90 हजार रूपए की सब्सिडी में केंद्र द्वारा 60 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार रूपए शामिल है।
इसी तरह 3 किलोवॉट क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट लगाने से औसतन 360 यूनिट प्रतिमाह विद्युत उत्पादन होता है। इस प्लांट के लगाने वाले हितग्राही को कुल एक लाख 8 हजार रूपए की सब्सिडी मिलती है, जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा 78 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार रूपए दिए जाते हैं।
हितग्राही को सौर प्लांट स्थापना के लिए ऋण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है, जिससे वे आसानी से सौर प्लांट स्थापित कर सकें।
इस योजना से न केवल कम बिजली बिल और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित हो रही है, बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा और नए रोजगार अवसर भी सृजित हो रहे हैं।
