रायपुर / ETrendingIndia / थाईलैंड कंबोडिया सीमा विवाद , दशकों पुराना विवाद फिर उग्र
थाईलैंड कंबोडिया सीमा विवाद एक बार फिर हिंसक रूप ले चुका है।
दोनों देशों की सेनाएं भारी गोलाबारी में उलझ चुकी हैं।
अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश नागरिक हैं।
ताजा संघर्ष की शुरुआत कैसे हुई?
संघर्ष की शुरुआत मई में हुई थी, जब एक कंबोडियाई सैनिक की गोलीबारी में मौत हो गई।
इसके बाद तनाव लगातार बढ़ता गया।
गुरुवार को दोनों सेनाओं के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें टैंक, तोप और फाइटर जेट्स का इस्तेमाल हुआ।
जानमाल का भारी नुकसान
थाईलैंड कंबोडिया सीमा विवाद के चलते अब तक लगभग 1.3 लाख लोग थाईलैंड में और 12,000 परिवार कंबोडिया में विस्थापित हो चुके हैं।
कई क्षेत्रों में रॉकेट और तोप के हमलों से घर और बुनियादी ढांचा तबाह हो गया है।
विवाद की जड़ क्या है?
दोनों देशों के बीच सीमा निर्धारण को लेकर 1907 से विवाद चला आ रहा है।
विशेषकर प्रेह विहियर मंदिर और आसपास की जमीन को लेकर दोनों देश दावा करते रहे हैं।
1962 में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने मंदिर को कंबोडिया को सौंपा, लेकिन थाईलैंड अभी भी आसपास की जमीन पर अधिकार जताता है।
हालिया तनाव क्यों बढ़ा?
पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच राष्ट्रीय भावना और राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हुई।
फरवरी में एक कंबोडियाई समूह ने एक और मंदिर क्षेत्र में गान गाकर माहौल गरमा दिया।
इसके बाद थाई प्रधानमंत्री पेओतोंगटर्न शिनावात्रा की कंबोडियाई नेता हुन सेन से फोन पर हुई बातचीत लीक हो गई, जिससे विवाद और बढ़ गया।
समाधान के प्रयास और विफलता
हालांकि 28 मई के बाद दोनों देशों ने बातचीत की घोषणा की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
कंबोडिया ने अब मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तक पहुंचा दिया है।
वहीं थाईलैंड ने द्विपक्षीय बातचीत की बात कही है, लेकिन शांति की शर्त पर ही।
निष्कर्षतः, क्या बढ़ेगा तनाव?
थाईलैंड कंबोडिया सीमा विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की जरूरत है।
क्योंकि यह विवाद न केवल मानव जीवन को प्रभावित कर रहा है, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया की स्थिरता के लिए भी खतरा बन सकता है।
अंततः, यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो वर्षों पुराने विवाद को बातचीत से सुलझाया जा सकता है।