EtrendingIndia अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध ने वैश्विक राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है। खासकर ट्रंप टैरिफ के बाद भारत-चीन संबंध अब पहले से कहीं ज़्यादा सहयोगात्मक दिखाई दे रहे हैं। अमेरिका द्वारा चीन पर 104% टैरिफ लगाए जाने के बाद, बीजिंग की ओर से भारत को साथ आने का संदेश दिया गया है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हाल ही में भारत और चीन को मिलकर “हाथी और ड्रैगन का नृत्य” करने की बात कही थी। इसके बाद दिल्ली में स्थित चीनी दूतावास ने भारत के साथ मिलकर कठिनाइयों का सामना करने की अपील की। उन्होंने अमेरिका की नीतियों को “एकतरफा और संरक्षणवादी” बताते हुए वैश्विक दक्षिण (Global South) के देशों के हक़ में साथ खड़े होने की बात कही।
भारत पर भी अमेरिका ने 26% “डिस्काउंटेड टैरिफ” लागू किए हैं, लेकिन भारत ने प्रतिशोध के बजाय शांतिपूर्ण कूटनीति और व्यापार सुधार को प्राथमिकता दी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी संकेत दिया कि भारत-चीन संबंध “सकारात्मक दिशा” में बढ़ रहे हैं।
2020 में गलवान घाटी की झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था। लेकिन 2024 में सीमा पर गश्त को लेकर हुए समझौते और पीएम मोदी तथा शी जिनपिंग की बैठक ने रिश्तों में नरमी लाने का मार्ग प्रशस्त किया।
अब, ट्रंप की टैरिफ नीति ने इस बदलाव को तेज कर दिया है और ट्रंप टैरिफ के बाद भारत-चीन संबंध एक नए भू-राजनीतिक अध्याय की ओर बढ़ते दिख रहे हैं।