रायपुर / ETrendingIndia / उज्जैन में सावन सोमवार पर 84 महादेव यात्रा की धूम
14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार होने के कारण उज्जैन में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। भक्तों ने 84 महादेव यात्रा में भाग लेकर भगवान शिव के विभिन्न रूपों के दर्शन किए।
श्रावण मास का प्रत्येक सोमवार शिव उपासना के लिए विशेष माना जाता है, वहीं मंगलवार को माता पार्वती की पूजा की जाती है।
क्या है 84 महादेव यात्रा का महत्व?
पौराणिक मान्यता के अनुसार, उज्जैन में राक्षस दूषण का वध करते समय उसके रक्त की बूंदें 84 स्थानों पर गिरीं, जहां भगवान शिव ने विभिन्न रूपों में प्रकट होकर इन स्थलों को पवित्र बना दिया। यही स्थल आगे चलकर 84 महादेव मंदिरों के रूप में पूजित हुए।
स्कंद पुराण के अनुसार, आत्मा जब 84 लाख योनियों का चक्र पूरा करती है, तब मानव जन्म मिलता है। ऐसी मान्यता है कि 84 महादेव यात्रा करने से पूर्व जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
रुद्राभिषेक और व्रत से गूंजा उज्जैन
श्रद्धालुओं ने रुद्राभिषेक, शिव मंत्रों का जाप, और भजन-कीर्तन के माध्यम से शिवभक्ति में लीन होकर दिन बिताया। दूध, जल, शहद और दही से शिवलिंग का अभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित किया गया।
भक्तों ने व्रत रखकर और शिव की आराधना कर शुद्ध आचरण के साथ यात्रा पूर्ण की।
महाकालेश्वर मंदिर में हुआ भस्म आरती का आयोजन
सावन के शुभारंभ के अवसर पर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में विशेष भस्म आरती का आयोजन किया गया। यह ज्योतिर्लिंग बारह शिव ज्योतिर्लिंगों में से एक है और हर सावन में हजारों श्रद्धालुओं का केंद्र होता है।
निष्कर्षतः
उज्जैन 84 महादेव यात्रा न केवल आस्था और श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा भी है जो आत्मा को पिछले जन्मों के बंधनों से मुक्त करती है। सावन के हर सोमवार को यह यात्रा भक्तों के लिए मोक्ष का मार्ग बन जाती है।
इस वर्ष सावन 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा।