UPI डिजिटल भुगतान भारत
A Unified Payment Interface (UPI) barcode, or QR code, is kept at a stall for customers to make digital payments Guwahati, India Friday, April 14, 2023. (Photo by: David Talukdar/UCG/Universal Images Group via Getty Images)

रायपुर / ETrendingIndia / UPI डिजिटल भुगतान भारत , भारत में UPI ने कैसे बदली रोजमर्रा की जिंदगी

UPI डिजिटल भुगतान भारत के हर कोने में क्रांति ला रहा है। यह न सिर्फ लेनदेन को आसान बना रहा है, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर तेज़ और सुरक्षित भुगतान प्रणालियों में अग्रणी बना चुका है। अब हर व्यक्ति अपने मोबाइल से मिनटों में पैसे भेज या प्राप्त कर सकता है।


दुनिया कर रही है UPI की तारीफ

हाल ही में IMF ने “Growing Retail Digital Payments” नामक रिपोर्ट में UPI को सार्वजनिक डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का बेहतरीन उदाहरण बताया। आज भारत में जितने रीयल-टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शन होते हैं, वे पूरी दुनिया के कुल ट्रांजैक्शन को पीछे छोड़ चुके हैं। यह भारत की तकनीकी सफलता का परिचायक है।


इंटरऑपरेबिलिटी से मिली सबसे बड़ी ताकत

UPI की सबसे बड़ी ताकत है इसकी इंटरऑपरेबिलिटी। अब यूज़र किसी भी बैंक या ऐप से दूसरे ऐप या बैंक के ग्राहक को पैसे भेज सकता है। QR कोड, वॉलेट, बैंक और ऐप — सब एक मंच पर आकर जुड़े हैं। यह पहले संभव नहीं था क्योंकि पुराने सिस्टम “closed-loop” थे, जहाँ लेन-देन सिर्फ एक ही प्लेटफॉर्म के भीतर होते थे।


जनधन, आधार और डेटा क्रांति की भूमिका

UPI की सफलता के पीछे भारत की मजबूत डिजिटल नींव है।

  • जनधन योजना ने 55 करोड़ से ज्यादा लोगों को बैंकिंग से जोड़ा।
  • आधार ने 142 करोड़ से ज्यादा नागरिकों को डिजिटल पहचान दी।
  • और सस्ते इंटरनेट डेटा (2014 में ₹308/GB से अब ₹9.34/GB) ने इसे देश के हर कोने तक पहुँचाया।

वैश्विक मंच पर UPI की उपस्थिति

आज UPI डिजिटल भुगतान भारत की सीमाओं को पार कर 7 देशों में कार्यरत है और BRICS जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों में अपनाया जा रहा है। यह भारत की डिजिटल नेतृत्व क्षमता को दिखाता है।


निष्कर्षतः

UPI डिजिटल भुगतान भारत के लिए केवल एक तकनीक नहीं, बल्कि एक सशक्त बदलाव है। यह हर व्यक्ति को सशक्त बना रहा है — चाहे वह गांव का दुकानदार हो या शहर का छात्र। UPI ने वित्तीय समावेशन, पारदर्शिता और रीयल-टाइम सुविधा को आम जीवन का हिस्सा बना दिया है।