भारत पर अमेरिका 25% टैरिफ
WASHINGTON, DC June 12: US President Donald Trump delivers remarks before signing executive orders in the East Room of the White House on Thursday June 12, 2025. The executive orders block California's rule banning the sale of new gas-powered cars by 2035. (Photo by Demetrius Freeman/The Washington Post via Getty Images)

रायपुर / ETrendingIndia / भारत पर अमेरिका 25% टैरिफ , ट्रंप सरकार का भारत पर बड़ा फैसला

भारत पर अमेरिका 25% टैरिफ लगाने जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि यह टैरिफ 1 अगस्त 2025 से लागू होगा। इसके अलावा, भारत को रूस से हथियार और तेल खरीदने पर अतिरिक्त दंड का भी सामना करना पड़ सकता है।

हालांकि भारत को “मित्र” बताते हुए ट्रंप ने कहा कि भारत ने व्यापार में हमेशा “उच्च टैरिफ और कठोर नॉन-टैरिफ बाधाएं” लगाई हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान हुआ है।

ट्रंप की तीखी टिप्पणी और कारण

ट्रंप ने Truth Social पर लिखा,

“भारत के टैरिफ दुनिया में सबसे ऊंचे हैं। उन्होंने वर्षों से रूस से अधिकांश सैन्य उपकरण खरीदे हैं और ऊर्जा का सबसे बड़ा ग्राहक भी हैं — जो यूक्रेन युद्ध के समय सही नहीं है।”

इस वजह से, ट्रंप ने यह टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका की भारत के साथ व्यापार वार्ता की प्रगति बेहद धीमी रही है।

भारत की प्रतिक्रिया और संभावित प्रभाव

भारत सरकार ने जवाब में कहा कि वह इस घोषणा के प्रभावों का अध्ययन कर रही है और निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को लेकर प्रतिबद्ध है।

यह भारत पर अमेरिका 25% टैरिफ भारतीय निर्यातकों को बड़ा नुकसान पहुँचा सकता है। विशेषकर वस्त्र, जूते, फर्नीचर, रत्न-जवाहरात, दवाइयों और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों को झटका लगेगा।

रुपया गिरा, बाजार में हलचल

इस खबर के बाद भारतीय रुपया 0.4% गिरकर 87.80 पर आ गया, जबकि गिफ्ट निफ्टी 0.6% गिरकर 24,692 पर पहुंच गया।

राजनीतिक संबंधों पर भी असर

विशेषज्ञों के मुताबिक, यह निर्णय भारत-अमेरिका संबंधों में सबसे कठिन दौर को दर्शाता है।

एशिया ग्रुप के अशोक मलिक ने कहा,

“ट्रंप का संदेश दोनों देशों के बीच विश्वास को कमजोर करता है।”

निष्कर्षतः

भारत पर 25% टैरिफ से दोनों देशों के बीच व्यापार और रणनीतिक साझेदारी पर गंभीर असर पड़ सकता है।

जहां भारत संतुलित समझौते की ओर देख रहा है, वहीं ट्रंप की नीति अब प्रत्यक्ष दबाव की ओर बढ़ती दिख रही है।