ट्रंप प्रशासन पर अदालत की रोक
PORTLAND, OREGON - OCTOBER 04: Federal agents, including members of the Department of Homeland Security, and the Border Patrol, hold back protesters while deploying a smoke grenade outside a downtown U.S. Immigration and Customs Enforcement (ICE) facility on October 04, 2025 in Portland, Oregon. The facility has become a focal point of nightly protests against the Trump administration and his announcement that he will be sending National Guard troops into Portland. A federal judge is currently hearing Oregon’s case against sending troops into the city, and a decision is expected on Saturday. (Photo by Spencer Platt/Getty Images)
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रायपुर / ETrendingIndia / अदालत का बड़ा फैसला, ट्रंप प्रशासन को झटका

ओरेगन की एक संघीय अदालत ने रविवार को ट्रंप प्रशासन पर अदालत की रोक लगाते हुए कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड के 200 सैनिकों को पोर्टलैंड भेजने के आदेश को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। यह फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए उस समय झटका साबित हुआ जब वे डेमोक्रेटिक गवर्नरों की आपत्तियों के बावजूद विभिन्न शहरों में सेना भेजना चाहते थे।

कैलिफोर्निया और ओरेगन की संयुक्त याचिका पर सुनवाई

यह निर्णय अमेरिकी जिला न्यायाधीश कैरीन इम्मरगुट ने दिया, जिन्होंने कैलिफोर्निया और ओरेगन द्वारा दायर संयुक्त मुकदमे की सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया। इससे पहले, उन्होंने शनिवार को ट्रंप को 200 ओरेगन नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती से भी रोक दिया था। न्यायाधीश ने कहा कि प्रशासन ने यह साबित नहीं किया कि हालिया प्रदर्शनों के लिए सैन्य हस्तक्षेप आवश्यक था।

गवर्नरों की तीखी प्रतिक्रिया

कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूज़म ने इस कदम को “कानून और शक्ति का गंभीर दुरुपयोग” बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर रहा है। वहीं, ओरेगन के अधिकारियों ने दलील दी कि ट्रंप की कार्रवाई राज्य की संप्रभुता और संघीय सीमाओं का उल्लंघन करती है।

ट्रंप प्रशासन की प्रतिक्रिया और अपील

व्हाइट हाउस और पेंटागन ने इस फैसले पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर कर दी है। प्रशासन का तर्क है कि राष्ट्रपति को नेशनल गार्ड की तैनाती पर संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं।
ट्रंप ने रविवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, “यह एक शर्मनाक फैसला है। न्यायाधीश को खुद पर शर्म आनी चाहिए,” हालांकि उन्होंने न्यायाधीश के लिंग को गलत बताया।

बढ़ता राजनीतिक तनाव और विरोध

अदालत का यह फैसला उस समय आया है जब ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में कई बार सेना को घरेलू विरोध प्रदर्शनों में तैनात कर चुके हैं। आलोचकों का कहना है कि यह कदम नागरिक और सैन्य शक्तियों के बीच की सीमा को धुंधला कर सकता है, जिससे लोकतंत्र को नुकसान पहुँचने का खतरा है।

निष्कर्षतः

अंततः, ट्रंप प्रशासन पर अदालत की रोक ने अमेरिका में संघीय और राज्य अधिकारों के बीच चल रहे तनाव को और उजागर कर दिया है। यह फैसला आने वाले हफ्तों में देश की राजनीति और प्रशासनिक निर्णयों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।