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रायपुर / ETrendingIndia / अमेरिकी टैरिफ असर भारत , US टैरिफ बढ़ने से MSME पर असर

अमेरिकी टैरिफ असर भारत , अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर मौजूदा 25% शुल्क के अलावा 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का फैसला किया है, जो 27 अगस्त से लागू होगा। इस तरह कुल टैरिफ 50% हो जाएगा। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार इसका सीधा असर भारत के MSME क्षेत्र पर पड़ेगा, जो कुल निर्यात का 45% हिस्सा रखते हैं।

कौन से सेक्टर होंगे प्रभावित?

  • टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी और सीफूड – ये तीनों मिलकर US को भारत के कुल निर्यात का 25% हिस्सा बनाते हैं, जिनमें MSME की हिस्सेदारी 70% से अधिक है।
  • केमिकल सेक्टर – MSME की हिस्सेदारी लगभग 40% है, यहां भी दबाव बढ़ेगा।
  • ऑटो कंपोनेंट्स – असर सीमित होगा क्योंकि US में केवल 3.5% उत्पादन निर्यात होता है।
  • फार्मा और स्टील – इन पर असर बहुत कम है क्योंकि US में इनका हिस्सा या तो कम है या टैरिफ से फिलहाल मुक्त हैं।

मार्जिन पर दबाव और प्रतिस्पर्धा

विशेषज्ञों का कहना है कि कीमतें बढ़ने पर MSME को मार्जिन में कटौती करनी होगी, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति कमजोर होगी। खासकर सूरत के MSME, जो डायमंड निर्यात में 80% हिस्सेदारी रखते हैं, उन्हें झटका लगेगा।

भारत के पास विकल्प और अवसर

रिपोर्ट बताती है कि भारत के पास विकल्प मौजूद हैं—

इससे भारत को बांग्लादेश, वियतनाम और चीन जैसे प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त मिल सकती है।

UK के साथ FTA MSME को टेक्सटाइल, जेम्स, लेदर और दवा जैसे सेक्टर में बढ़त दिलाएगा।

EU के साथ संभावित समझौता भी नए बाजार खोलेगा।