रायपुर/ ETrendingIndia / Groundbreaking ceremony of Rs 1 lakh crore investment: ‘Uttarakhand Investment Festival – 2025’ celebration/ उत्तराखंड निवेश उत्सव 2025 , केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने ₹1 लाख करोड़ के निवेश की ग्राउंडिंग के अवसर पर आयोजित ‘उत्तराखंड निवेश उत्सव – 2025’ समारोह और प्रदेश सरकार की ₹1271 करोड़ की विभिन्न विकास योजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित किया।
इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती रितु खंडूरी भूषण, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा और योग गुरु बाबा रामदेव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
श्री अमित शाह ने कहा कि वह उत्तराखंड आने पर हर बार एक नई ऊर्जा लेकर लौटते हैं। उत्तराखंड में आते ही चारों धामों में बैठे देवी-देवताओं, गंगा-यमुना और यहाँ आध्यात्म की अलख जगाने वाले संतों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
उत्तराखंड को देव भूमि कहते हैं क्योंकि एक ओर पर्वत की चोटियाँ न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को आध्यात्म की ऊंचाई पर ले जाती हैं, बल्कि यहाँ बसे हुए संत-महात्मा हजारों वर्ष से गंगा के साथ बहती अपनी भारतीय संस्कृति को और पावन बनाने का काम कर रहे हैं और साथ ही यहाँ की नदियां आधे भारत को पेयजल और खेती का पानी मुहैया करा कर जीवन देने का काम कर रही हैं।
श्री शाह ने कहा कि वर्ष 2023 में उत्तराखंड में हुए ग्लोबल इंवेस्टर समिट में जब मुख्यमंत्री श्री धामी ने उन्हें बताया कि राज्य में 3 लाख 56 हजार करोड़ रुपए के एमओयू आए हैं, तो उन्होंने श्री धामी से कहा था कि एमओयू लाना कोई बड़ी बात नहीं है, उन्हें जमीन पर उतारना बड़ा काम है। श्री शाह ने कहा कि आज उत्तराखंड में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश जमीनी सच्चाई बन चुका है।
मैदानी और पहाड़ी राज्यों में निवेश लाना पहाड़ चढ़ने जैसा कठिन काम है, लेकिन मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सारी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद और सारी परंपरागत धारणाओं को तोड़ते हुए इस को निवेश लाने में सफल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस निवेश से 81 हजार से ज्यादा रोजगार का सृजन हुआ है, इनके सहायक उद्योग से (ancillary industry) से ढाई लाख नए रोजगार पैदा होने की संभावना है और सबसे बड़ी बात है कि टायर-टू और टायर-थ्री शहरों तक निवेश पहुंचा है।
निवेश में औद्योगिक विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन का भी ध्यान रखा गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने का काम तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया। अटल जी ने तीन राज्य – उत्तराखंड, झारखंड और छत्तीसगढ़ बनाए। इन तीनों राज्यों ने अपने पैरों पर खड़े होकर आगे बढ़ने की शुरुआत की। मोदी जी ने इन्हें संवारने का काम किया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बीते 10 साल में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई में 60 प्रतिशत की वृद्धि की है। ग्रामीण क्षेत्रों में नई आठ लाख किलोमीटर सड़क बनाने का काम किया है।
देश के 333 जिलों में सुविधाजनक ‘वंदे भारत’ ट्रेन पहुंची है।
45 हजार किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण हुआ है।
88 नए हवाई अड्डे बने और इनलैंड वाटर वे कार्गो में 11 गुणा वृद्धि हुई है।
इन विकास कार्यों का ही परिणाम है कि मोदी जी 10 साल में इसे 11वें नंबर से चौथे नंबर पर ले आए हैं।
वर्ष 2027 में हम विश्व की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।
सेवा क्षेत्र में हमारा निर्यात दो गुना हुआ और 76 प्रतिशत निर्यात बढ़ा, उससे हम सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बने हैं।
देश में 16 करोड़ घरों में आजादी के बाद पहली बार नल आया, 12 करोड़ घरों में शौचालय बने, 13 करोड़ घरों में एलपीजी सिलिंडर पहुंचा, 3 करोड़ घरों में पहली बार बिजली आई और चार करोड़ लोगों को घर दिए।
इसके साथ ही 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा के ऊपर लाने का काम भी किया गया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी जी ने 2047 तक भारत को पूर्ण रूप से विकसित बनाने का संकल्प देश की जनता के सामने रखा है।
विकसित उत्तराखंड के बगैर विकसित भारत का निर्माण संभव नहीं है। जब तक हमारे छोटे राज्य आगे नहीं बढ़ते, देश में एकसमान विकास नहीं हो सकता।
केन्द्र सरकार ने छोटे राज्यों और पूर्वी राज्यों के विकास पर विशेष ध्यान दिया है।
टूरिज्म पॉलिसी, स्टार्ट-अप पॉलिसी, फिल्म सिटी पॉलिसी, सर्विस सेक्टर के लिए पॉलिसी और आयुष पॉलिसी बनी। सारे अप्रूवल सिंगल विंडो से करवाने की व्यवस्था कर मुख्यमंत्री जी ने उद्योगपतियों को काफी सहूलियत दी है।
आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक उपचार और जैविक खेती, यह चारों आने वाले दिनों में उत्तराखंड के विकास का आधार बनने वाले हैं।