रायपुर / ETrendingIndia / वधावन पोर्ट भारत समुद्री क्षमता , भारत के समुद्री क्षेत्र को मिलेगा वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) पर प्रस्तावित वधावन पोर्ट परियोजना से भारत की समुद्री क्षमताओं में ऐतिहासिक इजाफा होगा। यह बंदरगाह 23.2 मिलियन TEU (ट्वेंटी फुट इक्विवेलेंट यूनिट) की क्षमता जोड़कर भारत को एक वैश्विक समुद्री हब के रूप में सशक्त बनाएगा।
राजसभा में केंद्रीय मंत्री सरबनंद सोनोवाल ने दी जानकारी
केंद्रीय पोर्ट, शिपिंग और जलमार्ग मंत्री सरबनंद सोनोवाल ने राज्यसभा में लिखित जवाब में वधावन पोर्ट परियोजना की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना सिर्फ ढांचागत विकास ही नहीं, बल्कि स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार सृजन पर भी केंद्रित है।
स्थानीय समुदायों के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण की योजनाएं
- YCMOU (यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय) के साथ एमओयू साइन किया गया है ताकि स्थानीय समुदायों को शिक्षा और कौशल विकास से जोड़ा जा सके।
- जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी और शिपिंग महानिदेशालय ने संयुक्त रूप से मरीन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स के माध्यम से प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है।
ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा
वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (VPPL) ने सह्याद्री फार्म्स के साथ रणनीतिक साझेदारी की है जिससे कृषि मूल्य श्रृंखला और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
युवाओं के लिए व्हाट्सएप चैटबॉट लॉन्च
VPPL ने एक व्हाट्सएप चैटबॉट प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जिससे स्थानीय युवा सीधे जुड़कर स्किलिंग प्रोग्राम्स में भाग ले सकते हैं। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से जानकारी प्राप्त करना और रजिस्ट्रेशन करना बेहद आसान हो गया है।
निष्कर्ष:
वधावन पोर्ट परियोजना न केवल भारत की वैश्विक समुद्री स्थिति को मजबूत करेगी बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार, शिक्षा और उद्यमिता के नए अवसर भी लेकर आएगी। यह परियोजना समावेशी विकास और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।