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रायपुर, 06 नवम्बर 2025/ ETrendingIndia / Martyr Veer Narayan Singh Tribal Museum became the center of attraction, 8 thousand people visited it in two days / शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय , नवा रायपुर के आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में अंग्रेजी हुकुमत काल के दौरान जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बने शहीद वीर नारायण सिंह जनजातीय संग्रहालय लोगों के लिए प्रेरणा और आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। स्कूलों और कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के साथ ही बड़ी संख्या में आमजन संग्रहालय को देखने पहुंच रहे हैं।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्योत्सव रजत जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक नवम्बर को इस भव्य संग्रहालय को लोगों के लिए समर्पित किया गया। आगन्तुकों के लिए 4 नवम्बर से शुरू हुए इस शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह-जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का महज 2-3 दिनों में ही 8 हजार से अधिक लोगों ने अवलोकन किया।

आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जनजातीय वर्गों के ऐतिहासिक गौरव गाथा, शौर्य और बलिदान का प्रतीक शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह-जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय बनाने का उद्देश्य सार्थक हो रहा है।

संग्रहालय नई पीढ़ियों को अपने पुरखों का याद दिलाता रहेगा। यह न सिर्फ जनजातीय वर्गों के लिए बल्कि सभी लोगों के लिए प्रेरणाप्रद है।

संग्रहालय में मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञानवर्धक सहित सभी तथ्य मौजूद हैं, जो आने वाली पीढ़ी को भविष्य संवारने में मदद करेगी।

संग्रहालय परिसर में कोयतूर बाजार भी लगा हुआ है। हाटुल की संचालिका डॉ. भीनू ने बताया कि महज दो दिनों में ही 8 हजार रूपए से अधिक की बस्तर आर्ट, कपड़े, जनजातीय गहने आदि का विक्रय हुआ है। इसके अलावा धुरवा, माड़िया जनजातीयों में प्रचलित साड़ी सुन्दर पाटा, टेकरा पाटा, बंड़ी पाटा जैसे साड़ियों का अच्छी पूछ-परख हो रही है। इसके साथ बांस से बनी कला-कृति को भी लोग खरीद रहे हैं।