रायपुर 8 दिसंबर 2025/ ETrendingIndia / प्रधानमंत्री का वंदे मातरम बयान , संसद में संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे मातरम भारत की राष्ट्रीय भावना, साहस और एकता का प्रतीक है।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि अतीत में उसने दबाव में आकर इस गीत के साथ समझौता किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति ने कोलकाता में वंदे मातरम के उपयोग की समीक्षा कर इसे “टुकड़ों में बांटने” का निर्णय लिया, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देशभर में लोगों ने विरोध में प्रभात फेरियां निकालकर वंदे मातरम गाया, लेकिन कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के दबाव में झुककर तुष्टीकरण की राजनीति की।
प्रधानमंत्री का वंदे मातरम बयान, प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी राष्ट्र का असली चरित्र संकट के समय दिखाई देता है। 1947 के बाद देश ने कई कठिन दौर देखे, लेकिन हर चुनौती के समय वंदे मातरम की भावना ने लोगों को शक्ति दी। खाद्य संकट, आपातकाल, युद्धों और हाल में आए कोरोना संकट के समय भी यही भावना लोगों को मजबूती देती रही।
उन्होंने कहा कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि राष्ट्र को जोड़ने वाली ऊर्जा है। यह गीत देशवासियों को कर्तव्य, आत्मनिर्भरता और एकता की प्रेरणा देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत का सपना भी इसी भावना से पूरा होगा। जैसे स्वतंत्र भारत का सपना वंदे मातरम ने मजबूत किया था, वैसे ही समृद्ध भारत की यात्रा में भी यह गीत मार्गदर्शन करेगा।
अंत में प्रधानमंत्री ने अपील की कि देश की नई पीढ़ी इस भावना को अपनाए और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में साथ आए। उन्होंने अपने भाषण का समापन तीन बार “वंदे मातरम” के उद्घोष के साथ किया।
