भारत की नीली अर्थव्यवस्था
भारत की नीली अर्थव्यवस्था
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रायपुर 8 दिसंबर 2025/ ETrendingIndia / भारत की नीली अर्थव्यवस्था , केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के महासागर एक बड़ी राष्ट्रीय संपत्ति हैं और “नीली अर्थव्यवस्था” देश के विकास का नया इंजन साबित होगी।

उन्होंने बताया कि समुद्रों में खनिज, ऊर्जा और जैव विविधता के बड़े भंडार हैं, जो ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य आवश्यकता और रणनीतिक मजबूती में अहम योगदान दे सकते हैं।

भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के एक सत्र में भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में महासागर की आर्थिक और वैज्ञानिक संभावनाओं का उपयोग तेज हुआ है। प्रधानमंत्री द्वारा 2023 और 2024 के स्वतंत्रता दिवस भाषणों में भी नीली अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय प्राथमिकता बताया गया है।

भारत की तटरेखा 11,000 किलोमीटर से अधिक है और समुद्री क्षेत्र काफी बड़ा है, लेकिन अभी इन संसाधनों का पूरा उपयोग नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनने के लिए समुद्री संसाधनों पर खास ध्यान देना होगा।

डॉ. सिंह ने बताया कि डीप ओशन मिशन समुद्री अनुसंधान को मजबूत करेगा। ज्वारीय, तापीय, अपतटीय पवन और समुद्री सौर ऊर्जा जैसे विकल्प स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देंगे। हालांकि, उन्होंने चेतावनी भी दी कि जलवायु परिवर्तन, तटीय कटाव, समुद्री कचरे और प्रदूषण जैसी चुनौतियों से निपटना जरूरी है।