रायपुर / ETrendingIndia / हिमाचल बादल फटना आपदा , हिमाचल प्रदेश में सोमवार को कई स्थानों पर बादल फटने और मूसलधार बारिश ने कहर बरपाया। मंडी जिले में करसोग डिवीजन सहित कई इलाकों में अचानक आई बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
शिमला-सुन्नी-करसोग हाईवे का एक बड़ा हिस्सा देविधार के पास पूरी तरह बंद हो गया है। यह स्थान शिमला से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है। परिणामस्वरूप, दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं हैं।
इस हिमाचल बादल फटना आपदा में करसोग क्षेत्र से कुछ लोग लापता बताए जा रहे हैं। मंडी प्रशासन और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) ने अब तक 41 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है।
कुकलाह गांव में बाढ़ के कारण कम से कम 10 घर और एक पुल बह गया। मंडी जिले में 16 मेगावाट की पतिकरी जलविद्युत परियोजना भी बाढ़ की चपेट में आकर बह गई है। यह परियोजना ब्यास नदी की सहायक शाखा बखली खड्ड पर स्थित थी।
तेज़ बारिश के चलते पंडोह डैम से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। साथ ही, कुल्लू में 126 मेगावाट की लारजी परियोजना में भी जलस्तर असामान्य रूप से बढ़ गया है। स्थानीय लोगों और पर्यटकों को नदी के किनारे न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है।
सावधानी के तौर पर मंडी के जिला कलेक्टर अपूर्व देवगन ने मंगलवार को जिले के सभी स्कूल और शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है। इसी दौरान, शिमला शहर के बाहरी क्षेत्र में एक पांच मंजिला इमारत ढह गई, लेकिन समय रहते खाली कराने के कारण कोई जनहानि नहीं हुई। बीते 10 दिनों की बारिश से अब तक ₹75.69 करोड़ का नुकसान दर्ज किया गया है। राज्यभर में 259 लिंक सड़कें, 614 ट्रांसफॉर्मर और 144 जलापूर्ति योजनाएँ प्रभावित हुई हैं।